राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी
रिपोर्ट_मनीष कुमार मिश्रादसॉल्टएविएशन के आंतरिक दस्तावेज के हवाले से एक फ्रांसीसी खोजी पत्रिका और वेबसाइट ने भारत के साथ डील के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को शामिल किया जाना अनिवार्य बताने का दावा किया है। पत्रिका ने सौदे से संबंधित दस्तावेज के तथ्यों से दावा किया है कि इस सौदे में रिलायंस को पक्ष बनाने की अनिवार्य शर्त रखी गई थी।
इस दावे से भारत में पहले से ही जारी विवाद के और तेज होने की संभावना है। साथ ही इस नए खुलासे पर केंद्र की मोदी सरकार को जवाब देना मुश्किल हो सकता है। पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने दसॉल्ट कंपनी के दस्तावेज को देखा है जिसमें कहा गया है कि राफेल डील के लिए रिलायंस के साथ संयुक्त उपक्रम ‘अनिवार्य’ था।
हाल ही में इस पत्रिका ने पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का इंटरव्यू भी लिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि दसॉल्ट के लिए भारत से रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। इस मामले में फ्रांस सरकार की कोई भूमिका नहीं थी और रिलायंस के नाम का प्रस्ताव भारत की ओर से किया गया था।