समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मध्य प्रदेश के दौरे से लौट कर राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जनता भाजपा और कांग्रेस दोनों के सŸाा के खेल से परिचित हो चुकी है। वह बदलाव चाहती है। राजनीति में नए प्रयोग की उसकी ललक अब साफ झलकने लगी है। श्री अखिलेश यादव ने लगातार मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जाकर जो जनसंवाद स्थापित किया है उससे लोगों में विश्वास जगा है कि अब समाजवादी नीतियों से आशा की जा सकती है। श्री अखिलेश जी के नेतृत्व में जनता को ताजगी के साथ विकास की नई उम्मीद भी लगती है।
अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में भोपाल, सतना, रीवां, खजुराहो, पन्ना, सीधी, बालाघाट, शहडोल जाकर जनसभाएं एवं सघन दौरा किया। और उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के विकास कार्यों की जानकारी दी। उससे लोगों को लगा कि विकास और प्रगति के एजेण्डा पर श्री अखिलेश जी ही प्रभावी कदम उठा सकते हैं और गरीबी, भूख, बीमारी के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं।मध्य प्रदेश वैसे भी समाजवादियों का गढ़ रहा है। समाजवादी आंदोलन के महानायक डाॅ0 राम मनोहर लोहिया से अभिप्रेरित समाजवादी आंदोलन ने मध्य प्रदेश को नई दिशा दी थी। मामा बालेश्वर दयाल ने यहां रतलाम में आदिवासियों के बीच रहकर उनके जीवन को सुधारने का काम किया था। मध्य प्रदेश की जनता ने तब कई समाजवादियों को जिताकर संसद और विधानसभा में भेजा था। आज फिर वैसे ही तरंग उठ रही है।
08 और 09 अक्टूर 2018 को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का महत्वूपर्ण प्रवास खजुराहो में हुआ। यहां उन्होंने प्रमुख कार्यकर्ताओं, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मध्य प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और चुनाव के समीकरणों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का चुनाव भारतीय राजनीति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे। इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पर भरोसा रहे।
दरअसल समाजवादी पार्टी अपने काम के बल पर मध्य प्रदेश के चुनावों में प्रभावी दस्तक देने जा रही है। भाजपा सरकार के काले कारनामों की यहां जगह-जगह चर्चा होती है और लोग अब सरकार बदलने के लिए बेकरार हैं।
खजुराहो में ही दूसरे दिन हजारों का जन सैलाब उमड़ पड़ा था। श्री अखिलेश जी ने यहां स्पष्ट किया कि भाजपा सिर्फ सोशल मीडिया पर सक्रिय है। आम जनता उससे ऊबी हुई है। समाजवादियों का मुकाबला न कांगे्रस कर सकती है और नहीं भाजपा। भाजपा काम बिगाड़ती है, नफरत फैलाती है जबकि समाजवादी काम करना चाहते हैं। दो इंजन की सरकारों का बुरा हाल है। केन्द्र सरकार आधी अधूरी योजनाएं बनाती है और कामकाज में दोहरा मापदण्ड रखती है।
इससे पहले 29 सितम्बर 2018 को श्री अखिलेश यादव का विमान उमरिया हवाई पट्टी पर उतरा। यहां से 30 किलोमीटर दूर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व स्थल है। पाली ब्लाक में नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन है। यहीं तहसील में मां बिरासनी देवी का मंदिर है जो 1500 साल पुराना है।
जनपद शहडोल, जहां अखिलेश जी की सभा थी, आदिवासी बहुल वन क्षेत्र हैं यहां तेंदू पŸो और शाल का जंगल हैं। यह गोंडवाना संभाग भी कहलाता है। आजादी के 70 वर्ष बाद भी आदिवासियों की जिंदगी पहले जितनी ही बदहाल है। भयंकर गरीबी और बेकारी इनकी नियति बन गई है। सच पूछो तो यहां गांव, गरीब, खेत और जंगल की लड़ाई जारी है। सड़कें इतनी खराब हैं कि 75 किलोमीटर की यात्रा ढाई घंटे में पूरी कर सकें।
पाली से चलकर अखिलेश जी का दल बिरसिंहपुर पहुंचा जहां बालिकाओं का स्कूल था। ड्राईवर संतोष दाइया ने, जो उमरिया का निवासी है बताया कि यहां चारों तरफ हर स्तर पर भ्रष्टाचार फैला है। यहां गोंड, बैगा, कोल तथा अनुसूचित जाति के लोग है। धुनघुटी के जंगलों के बीच से रास्ता शहडोल जाने का है। शहडोल कलेक्ट्रेट कार्यालय के चैराहे पर युवा यादव सभा के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अखिलेश जी का स्वागत किया। श्री अखिलेश यादव ने शहडोल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष श्री हीरा सिंह मरकाम की अध्यक्षता में एक बड़ी जनसभा को सम्बोधित किया। वस्तुतः शहडोल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और समाजवादी पार्टी की यह एक संयुक्त परिवर्तन रैली थी। परिवर्तन रैली में अपार भीड़ उमड़ी थी।
30 सितम्बर 2018 को जिला बालाघाट में आयोजित जनसभा में भाग लेने के लिए जब श्री अखिलेश यादव गोंदिया हवाई अड्डा (महाराष्ट्र) पर उतरे तो बड़ी संख्या में लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनकी गाड़ी के आगे ढाई हजार मोटर साइकिल सवार नौजवानों का काफिला था। सभा स्थल से पहले 20 स्थानों पर उनका स्वागत हुआ।
नौजवानों का नारा था ‘मध्य प्रदेश ने बुलाया है, आपका बेटा आया है।‘ हवाई अड्डे से सभा स्थल की दूरी 45 कि.मी. थी पर पूरे रास्ते जगह-जगह उनका स्वागत करने वाली भीड़ मौजूद थी। महिलाएं, बच्चे बूढ़े, नौजवान सभी उसमें शामिल थे।
अपनी जनसभाओं में श्री अखिलेश यादव ने किसानों और नौजवानों के मर्म को जानने में कोई कसर नहीं रखी। उन्होंने मध्य प्रदेश में किसानों की बदहाली पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की तो नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिए केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों की भी निंदा की। सच मुच यह दिल दहलाने वाली बात है कि मध्य प्रदेश में 09 वर्षों में 11 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं।
भाजपाई नैतिकता और ईमान की भावनात्मक बातें खूब करते हैं किन्तु वास्तविकता यह है कि मध्य प्रदेश चार गुना कम आबादी होने के बावजूद मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश से चार गुना ज्यादा पशु वधशालाएं (स्लाटर हाउस) खुले हुए है। मध्य प्रदेश में उचित चिकित्सा व्यवस्था के अभाव में बीमार लोगों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गयी हैं।
श्री अखिलेश जी ने आष्वस्त किया कि मध्य प्रदेश के गरीबों, किसानों को उत्तर प्रदेश की तरह योजनाओं में भागीदारी मिलेगी। श्री अखिलेश यादव जब वापसी कर रहे थे तो उनकी निगाह बालाघाट गोंदिया के बीच रजेगांव में मंगोड़े की दुकान पर पड़ी। उन्होंने श्यामलाल नेवारे, जो गुआरी समाज का है, की दुकान पर रूककर मंगोड़े खाए। दुकान मालिक बार-बार अपनी कृतज्ञता जताता रहा क्योंकि इससे पहले कोई वीआईपी उसकी दुकान पर नहीं रूका था। पूर्व सांसद श्री कंकर मुंजारे साथ थे।
मध्य प्रदेश के मतदाताओं में समाजवादी विचारधारा के प्रति पुनः लगाव दिखने लगा है। डाॅ0 लोहिया ने सामाजिक क्रांति के साथ राजनीति में शुचिता तथा सिद्धांत की जो विचारधारा दी थी उससे प्रेरित नौजवानों की बड़ी टोली समाजवादी आंदोलन से जुड़ी थी। आज फिर वही संदेश लेकर जब अखिलेश जी जनसभाओं में सŸाा के साथ व्यवस्था परिवर्तन का आह्वान करते हैं तो लोगों को पुराने दिन याद आ जाते हैं। समाजवादी विचारधारा समता के लिए प्रतिबद्ध है। डाॅ0 लोहिया ने अमीरी-गरीबी की खाईं को पाटने का, मूल्य नियंत्रण के लिए दाम बांधो का जो मंत्र दिया था वही आज की तमाम समस्याओं का समाधान है। गांव, गरीब के साथ नौजवानों की चिंता समाजवादी करते हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार में ज्यादातर योजनाएं इनके लाभ के लिए ही शुरू की गई थीं।