रिपोर्ट_मनीष कुमार मिश्रा
योगी मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर पश्चिम उप्र में जोर से सुनाई दे रही है। ओबीसी नेताओं के साथ करीब माह भर चले मंथन में गुर्जरों की दावेदारी पार्टी में सर्वाधिक चर्चा में है। उनके अच्छे दिन आ सकते हैं। अनुसूचित वर्ग से भी टीम योगी में नया चेहरा लेने की चर्चा है। कई दिग्गज नेताओं के समायोजन ने पार्टी की अंदरुनी सियासत का पारा चढ़ा दिया है।
मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने पर नाराजगीगत दिनों मेरठ में प्रदेश कार्यसमिति में कई अहम संकेत उभरे। डिप्टी सीएम केशव मौर्य की अध्यक्षता में पार्टी ने ओबीसी वर्ग को रिझाने के लिए 21 दिन तक बैठकों का दौर चलाया। 40 जातियों के साथ सम्मेलन किया गया। इसमें गुर्जरों ने मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। मीरापुर विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने मंच पर ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर कई नेताओं को असमंजस में डाल दिया। डिप्टी सीएम केशव ने गुर्जरों को अहम ओहदा देने का भरोसा दिया था। पश्चिमी उप्र की गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर समेत तमाम सीटों पर गुर्जरों की संख्या ज्यादा है, किंतु अनुपात के मुताबिक तवज्जो नहीं मिली।
सभी दावेदार पहली बार बने हैं विधायक
गुर्जर चेहरों में मंत्रिमंडल की रेस में अशोक कटारिया, मीरापुर से विधायक अवतार सिंह भड़ाना, लोनी से नंदकिशोर गुर्जर, दादरी से तेजपाल नागर एवं मेरठ दक्षिण से डा. सोमेंद्र तोमर हैं। ये सभी पहली बार सदन में पहुंचे हैं। पार्टी में सियासी अनुभव व संगठन में मिले ओहदों के आधार पर एमएलसी अशोक कटारिया अन्य पर भारी पड़ सकते हैं। वह प्रदेश महामंत्री से पहले प्रदेश उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही एबीवीपी में अहम पदों पर रहे हैं। अवतार सिंह भड़ाना सांसद और दिल्ली के गलियारों में बड़ा रसूख रखने वाले नेता हैं। हालांकि उप्र में उनकी राह में तमाम रोड़े हैं। डा. सोमेंद्र तोमर पहले ही पंचायती राज में सभापति बना जा चुके हैं।
गुर्जर पूरी तरह भाजपा के साथ
पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष व गुर्जर नेता जितेंद्र वर्मा का कहना है कि गुर्जर वर्ग से मुजफ्फरनगर के नारायण सिंह एवं रामचंद्र विकल अलग-अलग सरकारों में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। गुर्जर वर्ग अब पूरी तरह भाजपा के साथ है।
इससे पहले सपा सरकार में सुरेंद्र नागर राज्यसभा भेजे गए, जबकि तीन को एमएलसी बनाया था। पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने गुर्जर चेहरा रामशरण दास को आजीवन अध्यक्ष बनाकर रखा। अब देखना बीजेपी इसमें कैसे संतुलन बनाती है