मल्टीमीडिया डेस्क,श्रोत-बीबीसी हिंदी
बिहार की राजधानी पटना से करीब 350 किमी. दूर अररिया ज़िले की जिस जगह से यह रिपोर्ट लिखी गई है, वहां पिछले साल बाढ़ में सीने की ऊंचाई तक पानी बह रहा था.
अररिया ज़िला मुख्यालय से करीब 60 किमी. दूर सिकटी प्रखंड से 'संविधान सम्मान यात्रा' के तहत पैदल मार्च करके आए करीब 200 किसान, महिलाओं और नौजवानों का एक जत्था शनिवार को शहर में प्रवेश कर गया था.
हाथों में तख्तियां और बैनर लिए महिलाएं और पुरुष किसान धूल उड़ाते चल रहे थे. खेत की मेड़ और पगडंडियों को पार कर अब शहर की गलियों में दाख़िल हो गए थे, इसलिए नारों की गूंज बढ़ती जा रही थी.
टेम्पो पर माइक और साउंड सिस्टम लादकर मार्च को लीड करते हुए कुछ नौजवान नारा लगाते और बाक़ी उनके पीछे चल रही किसानों की टोली नारे को दोहराती आगे बढ़ती.
मोदी तेरे शासन में, बर्तन बिक गए राशन में. निकलो घर मकानों से, जंग लड़ो बेइमानों से.अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है. लड़ेंगे-जीतेंगे, लड़े हैं-जीते हैं, इन्कलाब ज़िंदाबाद."
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