विश्वपति वर्मा_
सब पढ़े सब बढ़े का नारा देकर भले ही सरकार यह दिखाना चाहती है कि देश के नागरिकों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था किया जा रहा ,लेकिन सरकारी प्रणाली की निरंकुशता की वजह से एक तरफ जंहा सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है वंही जनता के धन का दुरुपयोग भी जबरदस्त तरीके से हो रहा है।
परिषदीय विद्यालयों में निःशुल्क वितरित होने वाले पुस्तक को भानपुर तहसील क्षेत्र के दुकानों पर नमकीन पकौड़ी और जिलेबी देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ,कई दुकानों के साथ कबाड़ी के दुकान पर परिषदीय विद्यालयों की किताबों को देखा जा सकता है।
सवाल यह है कि भारी मात्रा में ये किताब दुकानों पर कैसे पंहुच रहा है ।
सब पढ़े सब बढ़े का नारा देकर भले ही सरकार यह दिखाना चाहती है कि देश के नागरिकों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था किया जा रहा ,लेकिन सरकारी प्रणाली की निरंकुशता की वजह से एक तरफ जंहा सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है वंही जनता के धन का दुरुपयोग भी जबरदस्त तरीके से हो रहा है।
परिषदीय विद्यालयों में निःशुल्क वितरित होने वाले पुस्तक को भानपुर तहसील क्षेत्र के दुकानों पर नमकीन पकौड़ी और जिलेबी देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ,कई दुकानों के साथ कबाड़ी के दुकान पर परिषदीय विद्यालयों की किताबों को देखा जा सकता है।
सवाल यह है कि भारी मात्रा में ये किताब दुकानों पर कैसे पंहुच रहा है ।
इस संबंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी जेपी जायसवाल से बात हुई तो कहा कि हमारी किताबें स्कूल में हैं ,यदि दुकान पर किताब है तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नही है।