देश की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन जिसका नाम फिलहाल
ट्रेन-18 बताया जा रहा है, बनकर तैयार है और अगले हफ्ते से ट्रैक पर इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया जाएगा. ख़ास बात यह है कि ये बिना किसी इंजन (लोकोमोटिव) के बिना चलेगी और एक ट्रेन बनाने में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आई है.
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF ) के जनरल मैनेजर सुधांशु मनी ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया कि अगले हफ्ते से इस ट्रेन का ट्रायल शुरू हो जाएगा. इस ट्रेन को आईसीएफ ने ही तैयार किया है और इंडियन रेलवे को वही इसे मैन्यूफेक्चर भी करेगी.
सुधांशु के मुताबिक दूसरी ट्रेन मार्च तक डिलीवर किए जाने की उम्मीद है. जब ऐसी कई ट्रेन तैयार कर ली जाएगी तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम हो जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन को शताब्दी-राजधानी जैसी ट्रेनों के रूट के लिए तैयार किया गया है. फिलहाल इसके दिल्ली-भोपाल, चेन्नई-बेंगलुरु और मुंबई-अहमदबाद रूट पर चलाए जाने की ख़बरें हैं.
देश की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन जिसका नाम फिलहाल
ट्रेन-18 बताया जा रहा है, बनकर तैयार है और अगले हफ्ते से ट्रैक पर इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया जाएगा. ख़ास बात यह है कि ये बिना किसी इंजन (लोकोमोटिव) के बिना चलेगी और एक ट्रेन बनाने में करीब 100 करोड़ रुपए की लागत आई है.
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF ) के जनरल मैनेजर सुधांशु मनी ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया कि अगले हफ्ते से इस ट्रेन का ट्रायल शुरू हो जाएगा. इस ट्रेन को आईसीएफ ने ही तैयार किया है और इंडियन रेलवे को वही इसे मैन्यूफेक्चर भी करेगी.
सुधांशु के मुताबिक दूसरी ट्रेन मार्च तक डिलीवर किए जाने की उम्मीद है. जब ऐसी कई ट्रेन तैयार कर ली जाएगी तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम हो जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन को शताब्दी-राजधानी जैसी ट्रेनों के रूट के लिए तैयार किया गया है. फिलहाल इसके दिल्ली-भोपाल, चेन्नई-बेंगलुरु और मुंबई-अहमदबाद रूट पर चलाए जाने की ख़बरें हैं.