पुलिस स्टेशन भले ही आम नागरिकों की उलझनों, परेशानियों और असुरक्षा की भावना को खत्म करने वाला केंद्र हो, मगर पुलिसिया रवैया और थाने की कार्य-प्रणाली यानी वर्क संस्कृति इस कदर खराब हो चुकी है कि एक आम नागरिक भी पुलिस थाने जाने से पहले कई बार सोचता है. पुलिस महकमा आम लोगों के बीच इस कदर बदनाम हो चुका है कि लोग अपनी समस्या लेकर भी जाने से कतराते हैं. यही वजह है कि समय-समय पर पुलिस सुधार की आवश्यक्ता की बात उठती है. हालांकि, इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है. राजनाथ सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली और थाने की संस्कृति में बदलाव की वकालत की है और अपनी ओर से बड़ा आश्वासन भी दिया है.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिसिया कार्य प्रणाली को लेकर पुलिस महकम से तल्खी से सवाल पूछे. थाने में शिकायतकर्ताओं से जिस तरह से पुलिसकर्मी बातें करते हैं उस पर राजनाथ सिंह ने नाराजगी जाहिर की और उन्हें कहा कि कोई अगर पुलिस थाने शिकायत दर्ज कराने आता है तो क्या हम उनसे विनम्रता से बातें नहीं कर सकते? अगर शिकायतकर्ता घंटों इंतजार करते हैं, तो क्या हम उन्हें पानी के लिए भी नहीं पूछ सकते?
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि 'मैं पुलिस आयुक्त से कहूंगा कि अगर संभव हो तो पुलिस स्टेशनों पर शिकायतकर्ताओं के लिए चाय स्टालों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और गृह मंत्रालय इसके लिए फंड उपलब्ध कराएगा. साथ ही उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि, क्यों पुलिसकर्मी खुद को रोल मॉडल के रूप में पेश नहीं सकते हैं?
बता दें कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसी ही 300 पेट्रोलिंग बाइक को हरी झंडी दिखाई जिन्हें रफ्तार नाम दिया गया है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक, अभी पूरी दिल्ली के पुलिस थानों में 2028 पेट्रोलिंग बाइक्स हैं, जिसमें हर थाने की एक बाइक जीपीआरएस के जरिये पुलिस मुख्यालय के सेंट्रल कंट्रोल रूम से जुड़ी होती है.