2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उठा '15 लाख रुपये' खाते में आने का मुद्दा एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इस पर अजीबोगरीब बयान दिया है। आठवले ने कहा कि सरकार लोगों को 15 लाख रुपये देने के लिए आरबीआई से रुपया मांग रही है। महाराष्ट्र के सांगली में एक कार्यक्रम के दौरान आठवले ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, '15 लाख रुपये धीरे-धीरे आएंगे, एक बार में नहीं। रिजर्व बैंक से इसके लिए रुपया मांगा गया है, लेकिन वे नहीं दे रहे हैं। इसलिए रुपया इकट्ठा नहीं हो रहा है। इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं हैं।' अपने बयानों के लिए मशहूर महाराष्ट्र के नेता और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर कहा था, ' राहुल गांधी ने तीन राज्यों में अच्छी जीत हासिल की है। वह अब 'पप्पू' नहीं हैं लेकिन 'पप्पा' बन गए हैं।'
उन्होंने कहा था, 'राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की चुनावी हार मोदी की हार नहीं है। यह हार बीजेपी की है न कि नरेंद्र मोदी की। रामदास आठवले रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष हैं। उनकी यह पार्टी सत्ताधारी एनडीए का एक घटक दल है। अपने बयान में आठवले ने शिवसेना को बीजेपी से गठबंधन न तोड़ने की सलाह भी दी थी।
उन्होंने कहा था, 'शिवसेना को बीजेपी के साथ अपना गठबंधन बनाए रखना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे शिवसेना को ही नुकसान होगा। मैं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के सपनों को पूरा करने की अपील करता हूं। उसे (सेना) अकेले चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। कांग्रेस को यह धारणा नहीं रखनी चाहिए कि वह राफेल सौदे को बार-बार उठाकर 2019 का चुनाव जीत लेगी।'
उन्होंने कहा, '15 लाख रुपये धीरे-धीरे आएंगे, एक बार में नहीं। रिजर्व बैंक से इसके लिए रुपया मांगा गया है, लेकिन वे नहीं दे रहे हैं। इसलिए रुपया इकट्ठा नहीं हो रहा है। इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं हैं।' अपने बयानों के लिए मशहूर महाराष्ट्र के नेता और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर कहा था, ' राहुल गांधी ने तीन राज्यों में अच्छी जीत हासिल की है। वह अब 'पप्पू' नहीं हैं लेकिन 'पप्पा' बन गए हैं।'
उन्होंने कहा था, 'राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की चुनावी हार मोदी की हार नहीं है। यह हार बीजेपी की है न कि नरेंद्र मोदी की। रामदास आठवले रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष हैं। उनकी यह पार्टी सत्ताधारी एनडीए का एक घटक दल है। अपने बयान में आठवले ने शिवसेना को बीजेपी से गठबंधन न तोड़ने की सलाह भी दी थी।
उन्होंने कहा था, 'शिवसेना को बीजेपी के साथ अपना गठबंधन बनाए रखना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे शिवसेना को ही नुकसान होगा। मैं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के सपनों को पूरा करने की अपील करता हूं। उसे (सेना) अकेले चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। कांग्रेस को यह धारणा नहीं रखनी चाहिए कि वह राफेल सौदे को बार-बार उठाकर 2019 का चुनाव जीत लेगी।'