लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी. कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी से राजस्थान, छत्तीसगढ़ छीन लिया और मध्यप्रदेश में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है. बता दें, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस ने सीधी लड़ाई में बीजेपी को मात दी है.
मध्यप्रदेश में मुकाबला शुरुआत से ही दिलचस्प रहा. वहां कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी आगे होती दिखी. हालांकि अब स्थिति साफ हो चुकी है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 230 में से 114 सीटें कांग्रेस, 109 सीटें भाजपा, दो सीटें बसपा, एक सीट समाजवादी पार्टी और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मदीवारों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि, कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो सीट दूर रह गई है
उधर,राजस्थान में 199 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. बीजेपी को यहां 73 सीटें मिली हैं वहीं, कांग्रेस 99 सीटें जीतने में कामयाब रही है. राज्य में बसपा को 6 सीटें मिली हैं. 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना इस्तीफा राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंप दिया. वसुंधरा राजे ने हालांकि झालरापाटन सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को 34980 मतों से हरा दिया. वसुंधरा को 116,484 मत मिले, वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को 81504 वोट मिले. वहीं, 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में 89 के नतीजे आ चुके हैं. 67 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और एक पर आगे चल रही है. वहीं, बीजेपी के खाते में महज 15 सीटें आई हैं.
दूसरी तरफ मिजोरम में 40 में से 40 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीतकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने एक दशक बाद सत्ता में वापसी की है. इसके साथ ही कांग्रेस पूर्वोत्तर में अपना अंतिम गढ़ भी हार गई. साल 2013 विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को केवल 5 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने यहां 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस यहां केवल पांच सीटों पर ही सिमट गई. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यहां तुइचावंग सीट पर जीत दर्ज कर राज्य में अपना खाता खोला है.
तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने 88 सीटों पर जीत हासिल की है. देश के इस सबसे युवा राज्य में टीआरएस दूसरी बार सरकार बनाएगी. यहां कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आईं हैं और यहां भी बीजेपी को महज 1 सीट से संतोष करना पड़ा. टीआरएस का समर्थन करने वाली असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने 7 सीटें जीती हैं. टीआरएस अध्यक्ष और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने चुनावों में अपनी पार्टी का प्रभावशाली तरीके से नेतृत्व किया और खुद गजवेल सीट पर 57,321 मतों के अंतर से चुनाव जीता. राव को कुल 1,23,996 मत मिले, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के वनतेरू प्रताप रेड्डी को महज 66,675 मत मिले. उनके बेटे और मंत्री केटी रामा राव सिरसिला क्षेत्र से विजेता बने. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार केके महेंद्र रेड्डी को 88 हजार मतों के अंतर से हराया.
मध्यप्रदेश में मुकाबला शुरुआत से ही दिलचस्प रहा. वहां कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी आगे होती दिखी. हालांकि अब स्थिति साफ हो चुकी है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 230 में से 114 सीटें कांग्रेस, 109 सीटें भाजपा, दो सीटें बसपा, एक सीट समाजवादी पार्टी और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मदीवारों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि, कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो सीट दूर रह गई है
उधर,राजस्थान में 199 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. बीजेपी को यहां 73 सीटें मिली हैं वहीं, कांग्रेस 99 सीटें जीतने में कामयाब रही है. राज्य में बसपा को 6 सीटें मिली हैं. 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना इस्तीफा राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंप दिया. वसुंधरा राजे ने हालांकि झालरापाटन सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को 34980 मतों से हरा दिया. वसुंधरा को 116,484 मत मिले, वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को 81504 वोट मिले. वहीं, 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में 89 के नतीजे आ चुके हैं. 67 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और एक पर आगे चल रही है. वहीं, बीजेपी के खाते में महज 15 सीटें आई हैं.
दूसरी तरफ मिजोरम में 40 में से 40 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीतकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने एक दशक बाद सत्ता में वापसी की है. इसके साथ ही कांग्रेस पूर्वोत्तर में अपना अंतिम गढ़ भी हार गई. साल 2013 विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को केवल 5 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने यहां 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस यहां केवल पांच सीटों पर ही सिमट गई. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यहां तुइचावंग सीट पर जीत दर्ज कर राज्य में अपना खाता खोला है.
तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने 88 सीटों पर जीत हासिल की है. देश के इस सबसे युवा राज्य में टीआरएस दूसरी बार सरकार बनाएगी. यहां कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आईं हैं और यहां भी बीजेपी को महज 1 सीट से संतोष करना पड़ा. टीआरएस का समर्थन करने वाली असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने 7 सीटें जीती हैं. टीआरएस अध्यक्ष और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने चुनावों में अपनी पार्टी का प्रभावशाली तरीके से नेतृत्व किया और खुद गजवेल सीट पर 57,321 मतों के अंतर से चुनाव जीता. राव को कुल 1,23,996 मत मिले, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के वनतेरू प्रताप रेड्डी को महज 66,675 मत मिले. उनके बेटे और मंत्री केटी रामा राव सिरसिला क्षेत्र से विजेता बने. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार केके महेंद्र रेड्डी को 88 हजार मतों के अंतर से हराया.