विश्वपति वर्मा_
पूरे देश मे बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती के रूप में देखी जा रही है वंही अकेले उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ की आबादी में सबसे ज्यादा युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।देश के सबसे बड़े प्रदेश में रोजगार के अवसर न होना शर्म की बात है।
यूपी में बढ़ रही बेरोजगारी के कारण लूट-खसोट, छीना-झपटी, चोरी-डकैती और हत्या जैसी आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही हैं। प्रदेश में वर्तमान समय में रोजगार के अवसर बहुत कम हैं यहां का युवा वर्ग गैर राज्यों में रोजगार तलाश रहे हैं।
बेरोजगारी पर जारी 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 21 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ से ज्यादा बेरोजगार युवा ठोकरें खा रहे हैं, और ये सब तब है, जबकि राज्य में लगभग 5 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के 66 वें दौर (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी के आंकड़ों के आधार पर उत्तर प्रदेश 11वें पायदान पर आता है। इस मामले में केरल सबसे खराब है, वहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है जबकि गुजरात में सबसे कम। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रति 1000 व्यक्ति 39 व्यक्ति बेरोजगार है। भारत के लिए यही आंकड़ा 50 व्यक्ति का है। उत्तर प्रदेश में शहरी आबादी में प्रति 1000 व्यक्ति 29 लोग बेरोजगार हैं। जबकि ग्रामीण आबादी में 1000 आदमी पर केवल 10 आदमी बेरोजगार है। एनएसएसओ की रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश में 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक (2012-17) 15 से 35 आयुवर्ग वाले युवाओं की भारी जमात बेरोजगारी की समस्या से जुझती नजर आएगी।
इतने बड़े प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार हैं?
- बेरोजगारी का एक कारण जनसंख्या वृद्धि भी है। लड़के बढ़ रहे हैं लेकिन लड़कियों का अनुपात कम हो रहा है यह चिंता का विषय है। देश में सबसे आवादी वाला प्रदेश यूपी है यहां रोजगार के अवसर नहीं हैं क्योकि ज्यादा उद्योग-धंधे नहीं हैं बेरोजगारी को मिटाने के ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित किये जाएं।
- प्रदेश से बेरोजगारी मिटाने के लिए युवाओं को अपने रोजगार के अवसर मिलने चाहिए ताकि वह अपने पैरों पर खड़े होकर दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं इससे बेरोजगारी समाप्त हो जाएगी।
- यूपी व्यापार के क्षेत्र में भी सबसे आगे हैं। देश की बड़ी मार्केट के रूप में यूपी को जाना जाता है। समस्या इस बात की है कि यहां छोटा से छोटा सामान चाइना का बिक रहा है इस पर प्रतिबन्ध लगाकर स्वदेशी सामान बनाकर बेचा जाये इससे बेरोजगारी कम हो सकती है।
- जनसंख्या की दृष्टि से जितना अधिक हो सके उतनी अधिक फैक्ट्रियां लगाईं जायें ताकि यूपी का युवा किसी दूसरे राज्य में रोजगार के लिए भटके उसे अपने राज्य में ही रोजगार मिले इससे युवा अपने परिवार के साथ रहकर भी नौकरी कर सकें।
स्थानीय एवं केंद्रीय सरकारों द्वारा यदि बेरोजगारी को बड़ी चुनौती मानते हुए इसपर गंभीरता नही दिखाई गई तो आने वाले वर्षों में देश प्रदेश में बेरोजगारी की वजह से हिंसा, तस्करी, ब्लैकमेलिंग जैसी घटनाओं को बढ़ते क्रम में देखा जा सकता है।
पूरे देश मे बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती के रूप में देखी जा रही है वंही अकेले उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ की आबादी में सबसे ज्यादा युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।देश के सबसे बड़े प्रदेश में रोजगार के अवसर न होना शर्म की बात है।
यूपी में बढ़ रही बेरोजगारी के कारण लूट-खसोट, छीना-झपटी, चोरी-डकैती और हत्या जैसी आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही हैं। प्रदेश में वर्तमान समय में रोजगार के अवसर बहुत कम हैं यहां का युवा वर्ग गैर राज्यों में रोजगार तलाश रहे हैं।
बेरोजगारी पर जारी 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 21 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ से ज्यादा बेरोजगार युवा ठोकरें खा रहे हैं, और ये सब तब है, जबकि राज्य में लगभग 5 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के 66 वें दौर (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी के आंकड़ों के आधार पर उत्तर प्रदेश 11वें पायदान पर आता है। इस मामले में केरल सबसे खराब है, वहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है जबकि गुजरात में सबसे कम। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रति 1000 व्यक्ति 39 व्यक्ति बेरोजगार है। भारत के लिए यही आंकड़ा 50 व्यक्ति का है। उत्तर प्रदेश में शहरी आबादी में प्रति 1000 व्यक्ति 29 लोग बेरोजगार हैं। जबकि ग्रामीण आबादी में 1000 आदमी पर केवल 10 आदमी बेरोजगार है। एनएसएसओ की रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश में 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक (2012-17) 15 से 35 आयुवर्ग वाले युवाओं की भारी जमात बेरोजगारी की समस्या से जुझती नजर आएगी।
इतने बड़े प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार हैं?
- बेरोजगारी का एक कारण जनसंख्या वृद्धि भी है। लड़के बढ़ रहे हैं लेकिन लड़कियों का अनुपात कम हो रहा है यह चिंता का विषय है। देश में सबसे आवादी वाला प्रदेश यूपी है यहां रोजगार के अवसर नहीं हैं क्योकि ज्यादा उद्योग-धंधे नहीं हैं बेरोजगारी को मिटाने के ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित किये जाएं।
- प्रदेश से बेरोजगारी मिटाने के लिए युवाओं को अपने रोजगार के अवसर मिलने चाहिए ताकि वह अपने पैरों पर खड़े होकर दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं इससे बेरोजगारी समाप्त हो जाएगी।
- यूपी व्यापार के क्षेत्र में भी सबसे आगे हैं। देश की बड़ी मार्केट के रूप में यूपी को जाना जाता है। समस्या इस बात की है कि यहां छोटा से छोटा सामान चाइना का बिक रहा है इस पर प्रतिबन्ध लगाकर स्वदेशी सामान बनाकर बेचा जाये इससे बेरोजगारी कम हो सकती है।
- जनसंख्या की दृष्टि से जितना अधिक हो सके उतनी अधिक फैक्ट्रियां लगाईं जायें ताकि यूपी का युवा किसी दूसरे राज्य में रोजगार के लिए भटके उसे अपने राज्य में ही रोजगार मिले इससे युवा अपने परिवार के साथ रहकर भी नौकरी कर सकें।
स्थानीय एवं केंद्रीय सरकारों द्वारा यदि बेरोजगारी को बड़ी चुनौती मानते हुए इसपर गंभीरता नही दिखाई गई तो आने वाले वर्षों में देश प्रदेश में बेरोजगारी की वजह से हिंसा, तस्करी, ब्लैकमेलिंग जैसी घटनाओं को बढ़ते क्रम में देखा जा सकता है।