बदलाव संस्था द्वारा संचालित भिक्षाव्रत्ती से जुड़े साथियों को पुनर्वास की सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु पुनर्वास केंद्र “हैप्पी होम” (देखभाल, संरक्षण एव पुनर्वास), लक्ष्मण मेला मैदान के कार्यकर्ताओं एव सेवार्थियों द्वारा श्रम दान “प्रत्येक रविवार सामुदायिक कार्य” के अंतर्गत लगातार तृतीय रविवार को पर्यावण संरक्षण हेतु लक्ष्मण मेला मैदान छठ पूजा घाट पर गोमती नदी की सफाई की गयी।
गोमती नदी की सफाई का कार्यक्रम सुबह 08:00 बजे से शुरू होकर 02:30 बजे तक चला, गोमती नदी से लगभग 50-60 कुंतल जल कुम्भी, हरी घास, प्लास्टिक, कांच, कचड़ा पूजन सामग्री आदि निकाला गया।इस अवसर पर संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक गोमती नदी में प्रशासन गंदे नाले गिरने बन्द नही करेगी ,तब तक गोमती नदी को निर्मल तथा अविरल बना पाना असंभव होगा, क्योंकि आज लगातार तीसरे रविवार को छठ पूजा घाट पर गोमती नदी की सफाई की गई ,लेकिन जितना कचड़ा पिछले रविवारों को निकाल गया उससे ज्यादा मात्रा में सात दिन में फिर एकत्रित हो जाता है ,कचड़े में पालीथिन की मात्रा सबसे अधिक है इससे स्पष्ट है कि सरकार व प्रशासन का पालीथिन उपयोग करने पर प्रतिबंध सिर्फ कागजी खाना पूर्ति है ,गोमती नदी को निर्मल व अविरल बनाने के लिए बदलाव संस्था गंदे नालों को नदी में गिरने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करेगी ,गोमती नदी की अविरलता व निर्मलता के लिए लगातार संघर्ष जारी रखेगी तथा श्रम दान के माध्यम से स्वच्छ बनाने का भी प्रयास जारी रहेगा।लखनऊ के निवासियों से भी विनम्र अपील है कि प्रत्येक रविवार को कम से कम दो घंटे श्रम दान कर गोमती निर्मल बनाने में सहयोग करें।आज तृतीय रविवार को स्वास्थ व गंदगी की समस्या का चिन्हांकन किया गया, इससे पहले द्वतीय रविवार को नशा तथा अशिक्षा व प्रथम रविवार बसंत पंचमी के दिन पर्यावरण संरक्षण तथा भिक्षावृत्त्ति की समस्या का चिन्हांकन किया गया था इसी प्रकार होलिका दहन से पहले प्रत्येक रविवार को दो दो समस्याओं का चिन्हांकन किया जाएगा तथा होलिका दहन के दिन इन होलिका रूपी चिन्हाकित 12 समस्याओ बुराइयों का सांकेतिक दहन किया जाएगा तथा इन 12 समस्याओं के उन्मूलन हेतु पूरे वर्ष एक - एक माह का श्रम दान, जागरूकता अभियान तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।जिससे कि एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके ।तथा शरद पटेल ने बताया कि बदलाव संस्था के कार्यकर्ता व सेवार्थी अपने अंदर छुपी एक बुराई कमजोरी को भी दूर करने का प्रत्येक रविवार को संकल्प ले रहे है जिससे कार्यकर्ता व सेवार्थी भी अपने अंदर छुपी इन 6 होलिका रूपी बुराइयों का भी दहन करेंगे तथा समाज के लोगों से भी आह्वाहन किया गया कि प्रत्येक रविवार को वह भी अपने अन्दर छुपी एक बुराई व सामाजिक बुराई को दूर करने का संकल्प ले एव होलिका दहन के दिन होलिका रूपी इन सभी बुराइयों को दहन कर, खुद को मजबूत व समाज को सशक्त बनाने में अपना योगदान देते हुए प्रतिभाग करें | इस मौके पर बदलाव संस्था के संथापक शरद पटेल, राम जी वर्मा,निर्ज़ेश गौतम, मो अख्तरुल इस्लाम, मनोज कुमार, दिवाकर सिंह,श्रवण सिंह,रोहित सक्सेना, नरेंद्र देव यादव, शिव राम मिश्रा,शिव रतन,प्रकाश, किशन, राजेश, लाल जी, सतीश पाल उर्फ राजू, रामू, संजय कुमार कश्यप छोटेलाल गुप्ता,सलीम आदि लोग मौजूद रहे।
गोमती नदी की सफाई का कार्यक्रम सुबह 08:00 बजे से शुरू होकर 02:30 बजे तक चला, गोमती नदी से लगभग 50-60 कुंतल जल कुम्भी, हरी घास, प्लास्टिक, कांच, कचड़ा पूजन सामग्री आदि निकाला गया।इस अवसर पर संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक गोमती नदी में प्रशासन गंदे नाले गिरने बन्द नही करेगी ,तब तक गोमती नदी को निर्मल तथा अविरल बना पाना असंभव होगा, क्योंकि आज लगातार तीसरे रविवार को छठ पूजा घाट पर गोमती नदी की सफाई की गई ,लेकिन जितना कचड़ा पिछले रविवारों को निकाल गया उससे ज्यादा मात्रा में सात दिन में फिर एकत्रित हो जाता है ,कचड़े में पालीथिन की मात्रा सबसे अधिक है इससे स्पष्ट है कि सरकार व प्रशासन का पालीथिन उपयोग करने पर प्रतिबंध सिर्फ कागजी खाना पूर्ति है ,गोमती नदी को निर्मल व अविरल बनाने के लिए बदलाव संस्था गंदे नालों को नदी में गिरने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करेगी ,गोमती नदी की अविरलता व निर्मलता के लिए लगातार संघर्ष जारी रखेगी तथा श्रम दान के माध्यम से स्वच्छ बनाने का भी प्रयास जारी रहेगा।लखनऊ के निवासियों से भी विनम्र अपील है कि प्रत्येक रविवार को कम से कम दो घंटे श्रम दान कर गोमती निर्मल बनाने में सहयोग करें।आज तृतीय रविवार को स्वास्थ व गंदगी की समस्या का चिन्हांकन किया गया, इससे पहले द्वतीय रविवार को नशा तथा अशिक्षा व प्रथम रविवार बसंत पंचमी के दिन पर्यावरण संरक्षण तथा भिक्षावृत्त्ति की समस्या का चिन्हांकन किया गया था इसी प्रकार होलिका दहन से पहले प्रत्येक रविवार को दो दो समस्याओं का चिन्हांकन किया जाएगा तथा होलिका दहन के दिन इन होलिका रूपी चिन्हाकित 12 समस्याओ बुराइयों का सांकेतिक दहन किया जाएगा तथा इन 12 समस्याओं के उन्मूलन हेतु पूरे वर्ष एक - एक माह का श्रम दान, जागरूकता अभियान तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।जिससे कि एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके ।तथा शरद पटेल ने बताया कि बदलाव संस्था के कार्यकर्ता व सेवार्थी अपने अंदर छुपी एक बुराई कमजोरी को भी दूर करने का प्रत्येक रविवार को संकल्प ले रहे है जिससे कार्यकर्ता व सेवार्थी भी अपने अंदर छुपी इन 6 होलिका रूपी बुराइयों का भी दहन करेंगे तथा समाज के लोगों से भी आह्वाहन किया गया कि प्रत्येक रविवार को वह भी अपने अन्दर छुपी एक बुराई व सामाजिक बुराई को दूर करने का संकल्प ले एव होलिका दहन के दिन होलिका रूपी इन सभी बुराइयों को दहन कर, खुद को मजबूत व समाज को सशक्त बनाने में अपना योगदान देते हुए प्रतिभाग करें | इस मौके पर बदलाव संस्था के संथापक शरद पटेल, राम जी वर्मा,निर्ज़ेश गौतम, मो अख्तरुल इस्लाम, मनोज कुमार, दिवाकर सिंह,श्रवण सिंह,रोहित सक्सेना, नरेंद्र देव यादव, शिव राम मिश्रा,शिव रतन,प्रकाश, किशन, राजेश, लाल जी, सतीश पाल उर्फ राजू, रामू, संजय कुमार कश्यप छोटेलाल गुप्ता,सलीम आदि लोग मौजूद रहे।