पीसी चौधरी―
समाजशास्त्र, सामाजिक विज्ञान एवं समाजकार्य विभाग के मास्टर आफ सोशल वर्क विषय के छात्र छात्राओं के साथ "संविधान जागरूकता अड्डा" का आयोजन "बदलाव" संस्था द्वारा Be a Jagrik परियोजना के तहत किया जा रहा है, शरद पटेल संस्थापक बदलाव संस्था ने बताया कि Be a Jagrik कम्युनिटी द कलेक्टिव की एक सार्वजनिक पहल है ,जिसमे बदलाव संस्था एक सहभागी संस्था के रूप में युवाओं के साथ लखनऊ में कार्य कर रही है।यह पहल दो संविधान- भारतीय संविधान और अंतर्राष्ट्रीय संविधान को एक रोचक तरीके से दर्शाने का माध्यम है, जो पाठ्यपुस्तक और वास्तविकता के बीच के अंतर को मिटाती है।इस पहल का उद्देश्य युवा सतत विकासशील लक्ष्य और भारतीय संविधान में सम्मिलित अधिकारों व कर्तव्यों को अनुभव करते हुए समझें तथा समुदाय में सामुदायिक कार्य रोचक गतिविधियाँ के माध्यम से करते हुए विश्व मे परिवर्तन के लिए आवाज उठाएँ तथा युवा नेतृत्वकारी क्षमता को विकसित करना है।
शरद पटेल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कि वर्तमान में भारत मे युवाओं की संख्या सबसे अधिक है लेकिन युवाओं में संविधानिक समझ का अभाव है ,इस पहल का मकसद युवाओं में संविधान में निहित मौलिक अधिकारों ,मूलभूत कर्तव्यों और सतत विकास शील लक्ष्य को रोचक गतिविधियों के माध्यम से पाठ्यपुस्तक व वास्तविकता के बीच के अंतर को अनुभव करते हुए सीखना है।जिससे वह समुदाय में जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समुदाय की आवाज बने और देश व विश्व मे सकारात्मक परिवर्तन का नेतृत्व करें ,परियोजना के समन्यवक राम जी वर्मा ने विभिन गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में परियोजना के बारे में विस्तृत परिचर्चा करते हुए भारतीय संविधानिक समझ विकशित करने व सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करने का कार्य किया।इस पहल की आगे की यात्रा के लिए बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने जिज्ञाषा फार्म भर कर प्रतिभागिता सुनिश्चित की ।इस कार्यक्रम में 32 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया ।
समाजशास्त्र, सामाजिक विज्ञान एवं समाजकार्य विभाग के मास्टर आफ सोशल वर्क विषय के छात्र छात्राओं के साथ "संविधान जागरूकता अड्डा" का आयोजन "बदलाव" संस्था द्वारा Be a Jagrik परियोजना के तहत किया जा रहा है, शरद पटेल संस्थापक बदलाव संस्था ने बताया कि Be a Jagrik कम्युनिटी द कलेक्टिव की एक सार्वजनिक पहल है ,जिसमे बदलाव संस्था एक सहभागी संस्था के रूप में युवाओं के साथ लखनऊ में कार्य कर रही है।यह पहल दो संविधान- भारतीय संविधान और अंतर्राष्ट्रीय संविधान को एक रोचक तरीके से दर्शाने का माध्यम है, जो पाठ्यपुस्तक और वास्तविकता के बीच के अंतर को मिटाती है।इस पहल का उद्देश्य युवा सतत विकासशील लक्ष्य और भारतीय संविधान में सम्मिलित अधिकारों व कर्तव्यों को अनुभव करते हुए समझें तथा समुदाय में सामुदायिक कार्य रोचक गतिविधियाँ के माध्यम से करते हुए विश्व मे परिवर्तन के लिए आवाज उठाएँ तथा युवा नेतृत्वकारी क्षमता को विकसित करना है।
शरद पटेल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कि वर्तमान में भारत मे युवाओं की संख्या सबसे अधिक है लेकिन युवाओं में संविधानिक समझ का अभाव है ,इस पहल का मकसद युवाओं में संविधान में निहित मौलिक अधिकारों ,मूलभूत कर्तव्यों और सतत विकास शील लक्ष्य को रोचक गतिविधियों के माध्यम से पाठ्यपुस्तक व वास्तविकता के बीच के अंतर को अनुभव करते हुए सीखना है।जिससे वह समुदाय में जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समुदाय की आवाज बने और देश व विश्व मे सकारात्मक परिवर्तन का नेतृत्व करें ,परियोजना के समन्यवक राम जी वर्मा ने विभिन गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में परियोजना के बारे में विस्तृत परिचर्चा करते हुए भारतीय संविधानिक समझ विकशित करने व सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करने का कार्य किया।इस पहल की आगे की यात्रा के लिए बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने जिज्ञाषा फार्म भर कर प्रतिभागिता सुनिश्चित की ।इस कार्यक्रम में 32 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया ।