विश्वपति वर्मा–
जब पूरे देश मे साफ -सफाई को लेकर स्वच्छ भारत मिशन ही चला दिया गया तब जिला मुख्यालय पर बने शौचालय की स्थिति को देखने के बाद लगता है कि यह तो महज कागजों में चलने वाली एक योजना है ।
सवाल यह भी है कि जगह जगह अपनी आबरू बचा कर चलने वाली महिलाओं के लिए प्रसाधन की क्या व्यवस्था है ।
तहकीकात समाचार ने कुछ तस्वीर बस्ती जिला मुख्यालय से भेजी है जंहा पर नगरपालिका और विभागों में बनवाये गए शौचालय स्वच्छ भारत मिशन को चिढ़ाते नजर आ रहे हैं।
ये पहली तस्वीर जिला पंचायत भवन की तरफ जाने वाले रास्ते की है जंहा पर एक टूटा फूटा शौचालय वर्षों से लोगों की आंतरिक समस्या का समाधान कर रहा है यानी कि इस शौचालय या पेशाब घर मे जाकर लोग हल्का होते हैं ,जैसे तैसे लोग अपनी समस्या का समाधान तो कर लेते हैं लेकिन शौचालय से निकलने वाला अपशिष्ट जल लोगों के लिए समस्या बन गया है। समस्या का कारण यह है कि बगल में ही भारतीय डाक सेवा की आफिस है जंहा पर डाक सेवाओं को लेने के लिए सैकड़ों लोग आते जाते रहते हैं ,ठीक उसके सामने से जिला अधिकारी कार्यालय समेत कई और कार्यालय की तरफ एक रास्ता जा रहा है जंहा पर यह अपशिष्ट जल (पेशाब )बहकर आता है और लोगों को आने जाने के लिए लिए मजबूर होना पड़ता है।
जब पूरे देश मे साफ -सफाई को लेकर स्वच्छ भारत मिशन ही चला दिया गया तब जिला मुख्यालय पर बने शौचालय की स्थिति को देखने के बाद लगता है कि यह तो महज कागजों में चलने वाली एक योजना है ।
सवाल यह भी है कि जगह जगह अपनी आबरू बचा कर चलने वाली महिलाओं के लिए प्रसाधन की क्या व्यवस्था है ।
तहकीकात समाचार ने कुछ तस्वीर बस्ती जिला मुख्यालय से भेजी है जंहा पर नगरपालिका और विभागों में बनवाये गए शौचालय स्वच्छ भारत मिशन को चिढ़ाते नजर आ रहे हैं।
ये पहली तस्वीर जिला पंचायत भवन की तरफ जाने वाले रास्ते की है जंहा पर एक टूटा फूटा शौचालय वर्षों से लोगों की आंतरिक समस्या का समाधान कर रहा है यानी कि इस शौचालय या पेशाब घर मे जाकर लोग हल्का होते हैं ,जैसे तैसे लोग अपनी समस्या का समाधान तो कर लेते हैं लेकिन शौचालय से निकलने वाला अपशिष्ट जल लोगों के लिए समस्या बन गया है। समस्या का कारण यह है कि बगल में ही भारतीय डाक सेवा की आफिस है जंहा पर डाक सेवाओं को लेने के लिए सैकड़ों लोग आते जाते रहते हैं ,ठीक उसके सामने से जिला अधिकारी कार्यालय समेत कई और कार्यालय की तरफ एक रास्ता जा रहा है जंहा पर यह अपशिष्ट जल (पेशाब )बहकर आता है और लोगों को आने जाने के लिए लिए मजबूर होना पड़ता है।
दूसरी तस्वीर जिला अधिकारी कार्यालय में घुसने वाले एक गेट के थोड़ा बगल का है जो नगरपालिका द्वारा बनवाया गया है लेकिन शौचालय की स्थिति परिस्थिति देखने के बाद उसका प्रयोग कोई नही करता लिहाजा जिला मुख्यालय पर खुले में लोग अपनी समस्या का समाधान करने के लिए मजबूर होते हैं। ये दोनों तस्वीर जिला अधिकारी प्रांगण के आस पास की है इस इससे लगता है कि डीएम साहब जरूर इस रास्ते से गुजरते होंगे और उसको देखते होंगे।
अब इस तस्वीर को देख लीजिए जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बने एक शौचालय की है इस शौचलत की वर्तमान स्थिति यह है की यंहा बिना मास्क लगाए आप दो मिनट भी नही ठहर सकते हैं क्योंकि लोगों द्वारा निकाले गए अपशिष्ट जल के बाहर निकलने के लिए कोई ठोस उपाय नही है इसके अलावां शौचालय की एक सीट में ......भरा हुआ है। ये शौचालय एसपी कार्यालय का है इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एसपी साहब यंहा कभी जरूर आते होंगे।
और न आते हों तो एक जिम्मेदार व्यक्ति होने के नाते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने के लिए इन लोगों को यंहा की अव्यवस्था में तत्काल बदलाव लानी चाहिए ,क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग इस स्थान पर पंहुचते हैं और यदि यंहा स्वच्छ भारत मिशन की कोई परछाई नही दिखाई देगी तो लोगों से अपने घर मे शौचालय बनवाने की अपील करना महज एक झूठी शान होगी।