सरदार भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, भगत सिंह एवं उनके क्रांतिकारी साथियों के जज्बे से अंग्रेज सरकार इस कदर डर गई थी कि भगत सिंह राजगुरु सुखदेव को निर्धारित समय 24 मार्च 1931 एक दिन पूर्व ही फांसी पर लटका दिया,जेल अधिकारी गोपनीय तरीके से जेल की पिछली दीवार का हिस्सा तोड़कर अंधेरे में उनकी पार्थिव शरीर को बाहर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिये यह कहना था अपना दल के प्रदेश सचिव एवं जिला पंचायत सदस्य गोंडा अभिमन्यु पटेल का जो
महान क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह, राजगुरू एंव सुखदेव की 88वें शहादत दिवस पर बभनान स्थिति अपना दल के पार्टी कार्यालय पर विचार गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य राम सिंह पटेल ने कहा कि भगत सिंह महान क्रांतिकारी के साथ ही महान विचारक भी थे ,भगत सिंह राजनीतिक आजादी के साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक आजादी का भी सपना देखे थे ,साम्राज्यवादी व्यवस्था को समूल नष्ट कर मानववादी व्यवस्था स्थापित करना उनका ध्येय था। उनका मानना था कि क्रांति बम और पिस्तौल से नहीं बल्कि अच्छे बिचारो से आती है,पर अफसोस है कि आजादी के 71 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका सपना अधूरा है।
कार्यक्रम का संचालन मस्त राम पटेल ने किया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष रामकुमार पटेल ने किया।
इस अवसर पर राजमणि पटेल, राम बहाल चौधरी,मोहरत अली, इसहाक अली ,संतराम पटेल, अतुल पटेल ,अरबिन्द सोनकर,श्याम सुंदर यादव ,प्रमोद कुमार पाल, शिव कुमार मौर्य, भागीरथी पटेल ,रमेश चंद गिरी, अकबाल ,जगराम गौड़, राहुल चौधरी ,मंसाराम वर्मा आदि मौजूद रहे ।