बदलाव संस्था द्वारा संचालित भिक्षाव्रत्ती से जुड़े साथियों को पुनर्वास की सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु पुनर्वास केंद्र “हैप्पी होम” लक्ष्मण मेला मैदान के कार्यकर्ताओं एव सेवार्थियों द्वारा श्रम दान “प्रत्येक रविवार सामुदायिक कार्य” के अंतर्गत लगातार पांचवे रविवार को पर्यावण संरक्षण हेतु लक्ष्मण मेला मैदान छठ पूजा घाट पर गोमती नदी की सफाई की गयी।
गोमती नदी की सफाई का कार्यक्रम सुबह 09:00 बजे से शुरू होकर 11:00 बजे तक चला, गोमती नदी से लगभग 10-12 कुंतल हरी घास, प्लास्टिक, कांच, कचड़ा पूजन सामग्री आदि निकाला गया।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि छठ पूजा घाट की पिछले चार रविवारों से सफाई कर रहे हैं,लेकिन सात दिनों में फिर लगभग उतना ही कचड़ा आ जाता है।गोमती नदी के जल को प्रदूषित करने का मुख्य कारण गंदे नालों का गोमती नदी में गिरना है। जब तक गोमती नदी में प्रशासन गंदे नाले गिरने बन्द नही करेगी ,तब तक गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त बना पाना असंभव है , तथा गोमती नदी को निर्मल व अविरल बनाने हेतु गंदे नालों के प्रदूषित जल को गोमती नदी में गिरने से रोकने के लिए स्थाई हल निकालना होगा।आज पांचवे रविवार को बाल भिक्षावृत्त्ति व गैरबराबरी तथा इससे पहले चतुर्थ रविवार को बेरोजगारी व महिला हिंसा, तृतीय रविवार को स्वास्थ व गंदगी, द्वतीय रविवार को नशा तथा अशिक्षा व प्रथम रविवार बसंत पंचमी के दिन पर्यावरण संरक्षण तथा भिक्षावृत्त्ति की समस्या का चिन्हांकन किया गया था इसी प्रकार होलिका दहन से पहले प्रत्येक रविवार को दो दो समस्याओं का चिन्हांकन किया जाएगा तथा होलिका दहन के दिन इन होलिका रूपी चिन्हाकित 12 समस्याओ बुराइयों का सांकेतिक दहन किया जाएगा तथा इन 12 समस्याओं के उन्मूलन हेतु पूरे वर्ष एक - एक माह का श्रम दान, जागरूकता अभियान तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।जिससे कि एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके |
इस मौके पर बदलाव संस्था के संथापक शरद पटेल, राम जी वर्मा, मो अख्तरुल इस्लाम, दिवाकर सिंह, श्रवण सिंह, नरेंद्र देव यादव, शिव राम मिश्रा,शिव रतन, किशन,प्रकाश,रोहित सक्सेना, लाल जी, सतीश पाल उर्फ राजू, रामू, राजेश,छोटेलाल गुप्ता,सलीम आदि लोग मौजूद रहे।
गोमती नदी की सफाई का कार्यक्रम सुबह 09:00 बजे से शुरू होकर 11:00 बजे तक चला, गोमती नदी से लगभग 10-12 कुंतल हरी घास, प्लास्टिक, कांच, कचड़ा पूजन सामग्री आदि निकाला गया।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि छठ पूजा घाट की पिछले चार रविवारों से सफाई कर रहे हैं,लेकिन सात दिनों में फिर लगभग उतना ही कचड़ा आ जाता है।गोमती नदी के जल को प्रदूषित करने का मुख्य कारण गंदे नालों का गोमती नदी में गिरना है। जब तक गोमती नदी में प्रशासन गंदे नाले गिरने बन्द नही करेगी ,तब तक गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त बना पाना असंभव है , तथा गोमती नदी को निर्मल व अविरल बनाने हेतु गंदे नालों के प्रदूषित जल को गोमती नदी में गिरने से रोकने के लिए स्थाई हल निकालना होगा।आज पांचवे रविवार को बाल भिक्षावृत्त्ति व गैरबराबरी तथा इससे पहले चतुर्थ रविवार को बेरोजगारी व महिला हिंसा, तृतीय रविवार को स्वास्थ व गंदगी, द्वतीय रविवार को नशा तथा अशिक्षा व प्रथम रविवार बसंत पंचमी के दिन पर्यावरण संरक्षण तथा भिक्षावृत्त्ति की समस्या का चिन्हांकन किया गया था इसी प्रकार होलिका दहन से पहले प्रत्येक रविवार को दो दो समस्याओं का चिन्हांकन किया जाएगा तथा होलिका दहन के दिन इन होलिका रूपी चिन्हाकित 12 समस्याओ बुराइयों का सांकेतिक दहन किया जाएगा तथा इन 12 समस्याओं के उन्मूलन हेतु पूरे वर्ष एक - एक माह का श्रम दान, जागरूकता अभियान तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।जिससे कि एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सके |
इस मौके पर बदलाव संस्था के संथापक शरद पटेल, राम जी वर्मा, मो अख्तरुल इस्लाम, दिवाकर सिंह, श्रवण सिंह, नरेंद्र देव यादव, शिव राम मिश्रा,शिव रतन, किशन,प्रकाश,रोहित सक्सेना, लाल जी, सतीश पाल उर्फ राजू, रामू, राजेश,छोटेलाल गुप्ता,सलीम आदि लोग मौजूद रहे।