"बदलाव" संस्था द्वारा Be a Jagrik परियोजना के तहत आयोजित "संविधान लाइव कार्यशाला" का समापन हैप्पी होम, लक्ष्मण मेला मैदान, निकट छठ पूजा घाट पर किया गया , शरद पटेल संस्थापक बदलाव संस्था ने बताया कि Be a Jagrik कम्युनिटी द यूथ कलेक्टिव की एक सार्वजनिक पहल है ,जिसमे बदलाव संस्था एक सहभागी संस्था के रूप में युवाओं के साथ लखनऊ में कार्य कर रही है।
यह पहल दो संविधान- भारतीय संविधान और अंतर्राष्ट्रीय संविधान को एक रोचक तरीके से दर्शाने का माध्यम है, जो पाठ्यपुस्तक और वास्तविकता के बीच के अंतर को मिटाती है।इस तीन दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से युवाओं को सतत विकासशील लक्ष्य और भारतीय संविधान क्यों, कैसे, कितने दिनों में बना, मौलिक अधिकारों व मूल कर्तव्यों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं ने अपनी संवैधानिक समझ को बढ़ाने का कार्य किया।
वर्तमान समय मे भारत देश 14 - 35 वर्ष के युवाओं की संख्या सबसे अधिक है , लेकिन इन युवाओं में संविधानिक समझ की कमी है इस पहल का उद्देश्य युवाओं में संवैधानिक समझ विकसित करते हुए, नेतृत्व कारी क्षमता का वर्धन करके , युवा नेतृत्व आगे बढ़ाना है तथा जिससे यह युवा भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार तथा सतत विकासशील लक्ष्यों को प्राप्त कराने में मूल कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए समुदाय में सामुदायिक कार्य रोचक गतिविधियाँ के माध्यम से करते हुए विश्व मे परिवर्तन के लिए आवाज उठाएँ तथा युवा नेतृत्वकारी क्षमता को विकसित करना है।
इस पहल का मकसद युवाओं में संविधान में निहित मौलिक अधिकारों ,मूलभूत कर्तव्यों और सतत विकासशील लक्ष्यों के बारे में पाठ्यपुस्तक व वास्तविकता के बीच के अंतर को अनुभव करते हुए सीखाना है।जिससे वह समुदाय में जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समुदाय की आवाज बने और देश व विश्व मे सकारात्मक परिवर्तन का नेतृत्व करें ।
तीन दिवसीय संविधान लाइव कार्यशाला में सहजकर्ता राम जी वर्मा, शरद पटेल द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से युवाओं की संवैधानिक समझ व नेतृत्वकारी क्षमता को बढ़ाने का कार्य किया गया, जो कि जागरूक नागरिक बन गए तथा आज कार्यशाला के समापन से पहले इन 26 जागरूक नागरिकों को खेल गतिविधि के माध्यम से एक टास्क दिया गया जो टास्क जाग्रिक किसी समुदाय में जाकर रोचक गतिविधियों के माध्यम से पूरा करेंगे व एक सप्ताह बाद पुनः दूसरा टास्क दिया जाएगा , इसी प्रकार जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समाज के हासिये के लोगों को मौलिक अधिकार दिलाने , सतत विकासशील लक्ष्य को प्राप्त करने तथा मूल कर्तव्य का निर्वाहन करने का कार्य करेंगे।
इस कार्यशाला में निकुंज सिंह, अंशिका वर्मा, शुभम सिंह, संजय वर्मा, आरती कुरील, आकृति अग्रवाल, शिवम वर्मा, अमित यादव, राजेश कुमार, साधना मुरार, परवेज अहमद, शिवांग त्रिपाठी, अभिषेक पटेल, नंदनी तिवारी, नरेंद्र पाल , पिंकी राजपूत, वेद नंद यादव, आयुष यादव, आकांक्षा मिश्रा ,पारुल सिकरवार, शुभम सिंह चौहान, अजीत कुशवाहा, योगेश द्विवेदी,निर्ज़ेश गौतम, पल्लवी कुल 26 युवाओं ने प्रतिभाग किया ।
यह पहल दो संविधान- भारतीय संविधान और अंतर्राष्ट्रीय संविधान को एक रोचक तरीके से दर्शाने का माध्यम है, जो पाठ्यपुस्तक और वास्तविकता के बीच के अंतर को मिटाती है।इस तीन दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से युवाओं को सतत विकासशील लक्ष्य और भारतीय संविधान क्यों, कैसे, कितने दिनों में बना, मौलिक अधिकारों व मूल कर्तव्यों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं ने अपनी संवैधानिक समझ को बढ़ाने का कार्य किया।
वर्तमान समय मे भारत देश 14 - 35 वर्ष के युवाओं की संख्या सबसे अधिक है , लेकिन इन युवाओं में संविधानिक समझ की कमी है इस पहल का उद्देश्य युवाओं में संवैधानिक समझ विकसित करते हुए, नेतृत्व कारी क्षमता का वर्धन करके , युवा नेतृत्व आगे बढ़ाना है तथा जिससे यह युवा भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार तथा सतत विकासशील लक्ष्यों को प्राप्त कराने में मूल कर्तव्य का निर्वाहन करते हुए समुदाय में सामुदायिक कार्य रोचक गतिविधियाँ के माध्यम से करते हुए विश्व मे परिवर्तन के लिए आवाज उठाएँ तथा युवा नेतृत्वकारी क्षमता को विकसित करना है।
इस पहल का मकसद युवाओं में संविधान में निहित मौलिक अधिकारों ,मूलभूत कर्तव्यों और सतत विकासशील लक्ष्यों के बारे में पाठ्यपुस्तक व वास्तविकता के बीच के अंतर को अनुभव करते हुए सीखाना है।जिससे वह समुदाय में जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समुदाय की आवाज बने और देश व विश्व मे सकारात्मक परिवर्तन का नेतृत्व करें ।
तीन दिवसीय संविधान लाइव कार्यशाला में सहजकर्ता राम जी वर्मा, शरद पटेल द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से युवाओं की संवैधानिक समझ व नेतृत्वकारी क्षमता को बढ़ाने का कार्य किया गया, जो कि जागरूक नागरिक बन गए तथा आज कार्यशाला के समापन से पहले इन 26 जागरूक नागरिकों को खेल गतिविधि के माध्यम से एक टास्क दिया गया जो टास्क जाग्रिक किसी समुदाय में जाकर रोचक गतिविधियों के माध्यम से पूरा करेंगे व एक सप्ताह बाद पुनः दूसरा टास्क दिया जाएगा , इसी प्रकार जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए समाज के हासिये के लोगों को मौलिक अधिकार दिलाने , सतत विकासशील लक्ष्य को प्राप्त करने तथा मूल कर्तव्य का निर्वाहन करने का कार्य करेंगे।
इस कार्यशाला में निकुंज सिंह, अंशिका वर्मा, शुभम सिंह, संजय वर्मा, आरती कुरील, आकृति अग्रवाल, शिवम वर्मा, अमित यादव, राजेश कुमार, साधना मुरार, परवेज अहमद, शिवांग त्रिपाठी, अभिषेक पटेल, नंदनी तिवारी, नरेंद्र पाल , पिंकी राजपूत, वेद नंद यादव, आयुष यादव, आकांक्षा मिश्रा ,पारुल सिकरवार, शुभम सिंह चौहान, अजीत कुशवाहा, योगेश द्विवेदी,निर्ज़ेश गौतम, पल्लवी कुल 26 युवाओं ने प्रतिभाग किया ।