विश्वपति वर्मा ;
फ़िल्म अभिनेताओं ने ट्विटर पर जब काफी वाहवाही बटोर ली तब नेताओं का मोह भी ट्विटर के तरफ बढ़ता गया अब क्या देखते ही देखते ट्विट से सरकार चलने लगी।
अब सारी समस्याओं का समाधान ट्वीट से होगा ,पुलिस के उच्चाधिकारी ट्वीट को सम्बंधित अधिकारी को रीट्वीट करने लगे हैं,रेल मंत्रालय भी दूध- दारू की व्यवस्था ट्वीट के बाद करने लगा है , मंत्री जी सुबह -सुबह जाग करके दिन भर की गतिविधियों को बता देते हैं ।
सांसद भी पीएमओ से फ़ोटो उठाकर चापलूसी ठोक देते हैं ।विधायक जी भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को रीट्वीट करने में आगे रहते हैं । पंचायती राज ने तो केवल ट्वीटर अकाउंट बना लिया है ,वह नही चाहता है कि हमारे यंहा कोई शिकायत आये इस लिए खुद कोई जानकारी नही देता ।जिलाधिकारी तो जिले का मालिक है लेकिन ट्वीटर अकाउंट वाले मोबाइल में वह नेट पैक ही नही डालता ।
शिक्षा विभाग के अकाउंट पर तो ऐसे प्रवचन वाले पोस्ट दिखाई देती है जैसे लगता है कि देश में सबसे ज्यादा ईमानदार यही हैं भले ही 8 रुपये का मोजा खरीद कर 21 रुपया खारिज कर लिए ।बिजली विभाग भी ट्वीटर पर सक्रिय है लेकिन इनका दिनभर का काम यही है कि जल्दी से लाकर बिजली बिल जमा करो शाम को भले ही अंधेरे में बिताना पड़े।
जल निगम काहे पीछे रहेगा यह भी दिन भर में दो चार पोस्ट डाल देता है और सबको स्वच्छ जल पीने की सलाह देता है भले ही यूपी में कई सौ करोड़ रुपये की योजना के लागत से बने कई इकाइयों से सप्लाई नही शुरू करा पाया। स्वास्थ्य विभाग के तो बल्ले -बल्ले हैं ये जितना ट्वीट करते हैं उससे कहीं ज्यादा टीवी और अखबारों को विज्ञापन देकर स्वस्थ्य रहने की उपाय जनता को बता रहे हैं और जनता के पैंसों का बंदरबांट चिकित्सा प्रभारी से लेकर विभाग के आलाधिकारी कर रहे हैं ।
इधर यूपी मे योगी आदित्यनाथ खुद ट्वीटर नही चलाते लेकिन 24 घण्टे सरकारी बखान पोस्ट होते रहते हैं ।यह सब हो भी क्यों न सुबह जैसे ही आँख खुलती है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पीएमओ से 10 ट्वीट हो चुके होते हैं खुद पीएम और पीएमओ किसी ट्वीट का जवाब नही देते और न ही कभी अधिकारियों की क्लास ट्वीटर पर लगाते हैं ।
पीएमओ के अकाउंट पर अधिकतर बात गुमराह करने वाली और झूठी लिखी होती है लेकिन फर्जी अकाउंट एवं चमचों द्वारा लाखों रिट्वीट मार दिया जाता है ।
पीएम और पीएमओ देश की जनता से अपील कर रहे हैं डिजिटल लेन -देन करो ,डिजिटल शिकायत करो और डिजिटल समाधान लो ,लेकिन कोई एक व्यक्ति बताए जिसका समाधान हुआ हो ।अपील यहीं खत्म नही होती मैसेज और जीमेल के जरिये रोज डेली दो चार खत आ जाते हैं कि डिजिटल बनो ,डिजिटल बनाओं जब सब कुछ ठीक -ठाक हो जाये तब अपने घर मे खुद सेंध लगवाओ।
यानि कि आप जल्दी से जल्दी डिजिटल माध्यम से जुड़ जाइये क्योंकि यंहा तो सरकार के फायदे ही फायदे है ।पहली बात तो यह है कि यंहा से जुड़ने के बाद आपको देश मे सबका साथ सबका विकास वाला प्लेटफार्म दिखाई देगा जंहा पर अब हर काम डिजिटिलाइज हो गया है ,स्वच्छ पानी, स्वच्छ गांव ,स्वच्छ भारत ,सड़के ,मंदिर, मस्जिद,शिक्षा, चिकित्सा सब कुछ तो है यंहा पर ।
अब आप इतने बड़े विकास को देखकर उसे शेयर करने से कैसे रोक पाएंगे फिर आप डिजिटल विकास को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में लेकर जाएंगे और वँहा डिजिटल ज्ञान बांटेंगे। इतना सब होने के बाद कहीं आपने कहा दिया कि देश का विकास नही हो रहा तो डिजिटल शब्दों में गाली भी आपको मिलेगा ।
तो ठीक है न डिजिटल इंडिया वाली सरकार