लोकसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार खत्म हो गया है। चुनाव आयोग ने शाम 5 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। माना जा रहा है कि आयोग इस दौरान चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो सकता है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ ही होंगे या नहीं। सूत्रों के मुताबिक 7-8 चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अगले सप्ताह पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। चुनाव आयोग विज्ञान भवन में शाम पांच बजे एक संवाददाता सम्मेलन करेगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना मार्च के आखिर तक जारी हो सकती है और इसके लिए मतदान अप्रैल के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। मई के तीसरे हफ्ते में मतगणना हो सकती है। पूरी संभावना है कि आयोग पुरानी परंपरा की तरह आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ करा सकता है। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग हो चुकी है, इसलिए आयोग मई में समाप्त हो रही छह महीने की अवधि के अंदर यहां भी नये सिरे से चुनाव कराने के लिए बाध्य है। एक राय है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे, लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण राज्य के जटिल सुरक्षा हालात को मद्देनजर रखते हुए ही फैसला किया जाएगा।(NBT)
मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अगले सप्ताह पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। चुनाव आयोग विज्ञान भवन में शाम पांच बजे एक संवाददाता सम्मेलन करेगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना मार्च के आखिर तक जारी हो सकती है और इसके लिए मतदान अप्रैल के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। मई के तीसरे हफ्ते में मतगणना हो सकती है। पूरी संभावना है कि आयोग पुरानी परंपरा की तरह आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ करा सकता है। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग हो चुकी है, इसलिए आयोग मई में समाप्त हो रही छह महीने की अवधि के अंदर यहां भी नये सिरे से चुनाव कराने के लिए बाध्य है। एक राय है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे, लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण राज्य के जटिल सुरक्षा हालात को मद्देनजर रखते हुए ही फैसला किया जाएगा।(NBT)