विश्वपति वर्मा_
2017 के जनवरी महीने में जब पूरा देश कड़ाके की ठंड से कांप रहा था तब देश के सीमा से एक जवान ने एक वीडियो जारी कर पूरे देश को हिला दिया था वीडियो कुछ था भी ऐसा जो लोगों को सोचने के लिए मजबूर करे ।
9 जनवरी 2017 को बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया कि सेना में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता ठीक नही है वीडियो में सेना के भोजन को दिखाते हुए तेज बहादुर यादव ने बताया था कि यंहा जली हुई रोटियां और दाल में हल्दी और नमक परोसे जाते हैं यह वीडियो वायरल होने के बाद जिमेदार लोगों के कान खड़े हो गए थे ।
इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) को सौंपी थी जिसकी जांच में बताया गया कि खाने की गुणवत्ता ठीक है उसके बाद तेज बहादुर यादव को सेना के नियमों का उलंघन करने की वजह बता कर 19 अप्रैल 2017 को बर्खास्त कर दिया गया था।
अब क्या कर रहे हैं तेज बहादुर
दरअसल, तेजबहादुर यादव सेना से बर्खास्त होने के बाद फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नाम से एक एनजीओ चला रहे हैं। इस एनजीओ के बारे में तेज बहादुर ने बताया कि यह भारत के सभी सैनिकों के हितों के लिए बनाई गई एक संस्था है। जिस का कार्य देश के सभी सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि सेना में अगर अफसरों द्वारा सैनिकों का शोषण किया जाता है तो उसके खिलाफ उनकी संस्था पूरी मजबूती से लड़ेगी। साथ ही अगर किसी सैनिक को बिना वजह कोर्ट मार्शल किया जाता है तो उस सैनिक को न्याय दिलाने में ये संस्था सहायता करेगी।
पीएम मोदी के सामने चुनाव की तैयारी
इसी बीच तेज बहादुर ने ट्वीट करके अपने प्रशंसकों से पूछा कि क्यों न पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा जाए उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मोदी भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात तो करते हैं लेकिन जब उन्होंने बीएसएफ में घटिया खाना मिलने को लेकर आवाज उठाई तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया जो लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या करने जैसा है।
तेज बहादुर ने कहा कि कई पार्टियों ने अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए उनसे संपर्क किया लेकिन उन्होंने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा,मेरा उद्देश्य जीत या हार नही है वें चुनाव लड़कर सेनाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे.’ उन्होंने कहा, मेरा मकसद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, खासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है।
पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं. हाल ही में पुलवामा में हमारे अर्धसैनिक जवान मारे गए लेकिन इस सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं दिया और अब इस चुनावी माहौल में खुद सेना के नाम पर वोट बटोर रहे हैं ।
उन्होंने कहा, ‘मैंने जो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था कम से कम सरकार को तो उस पर काम करना चाहिए था. मेरी आवाज़ को दबाने के लिए इसकी कार्रवाई से ही पता चलता है कि यह सरकार सेनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाली पार्टी है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि जब पूरे देश को पीएम के बारे में यह पता चल गया कि वे कई बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तो खुद को सही साबित करने के लिए अपने आपको नाम का चौकीदार घोसित कर दिया जबकि असली चौकीदार तो हम लोग हैं जो न्याय के लिए भटक रहे हैं।
बर्खास्त सेना के जवान ने कहा कि हमने 21 साल सीमा पर ड्यूटी की है इस लिए मुझे मालूम है कि चौकीदारी क्या होती है लेकिन देश के प्रधानमंत्री तो देश वाशियों को भावुक करके उनके ऊपर अपनी बात जबरदस्ती थोपते हैं जैसे उन्होंने सबको मन की बात सुनाई और किसी की नही सुनी वैसे अब चौकीदार बन रहे हैं जबकि सेना के साथ कई प्रदेशों में पुलिस और असली चौकीदारों की स्थिति काफी खराब है।
यही कारण है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के मुद्दे पर प्रचार करेंगे.’
तेज बहादुर ने बताया, ‘वह महीनों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं जिसके चलते वाराणसी में लाखों लोगों का समर्थन मिल रहा है ।
44 वर्षीय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले हैं। वो 1996 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उन्हें जम्मू-कश्मीर स्थित राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट तैनात किया गया था
तेज बहादुर यादव ने बताया कि वाराणसी लोकसभा सीट से वें 24 तारीख को अपना नामांकन करेंगे ,बता दें कि वाराणसी में अंतिम चरण यानी 19 मई को मतदान है।
इस लेख में कुछ जानकारी तहकीकात समाचार द्वारा तेज बहादुर यादव से फोन कॉल पर बात चीत पर आधारित है।