उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटा दिया है. राजभर के पास पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास मंत्रालय था. लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के एक दिन बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर को यूपी कैबिनेट से बाहर करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से सिफारिश की थी. रविवार को आए अधिकत्तर एग्जिट पोल के नतीजों में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती हुई दिख रही है. सीएम योगी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ओपी राजभर ने कहा, 'यह गरीबों की आवाज उठाने की सजा मिली है. अगर हक मांगना बगावत है तो समझो हम बागी हैं।
सुभासपा उत्तरप्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी है और 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने चार सीटें जीती थीं. लेकिन लोकसभा चुनाव राजभर की पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर नहीं लड़ा. राजभर की पार्टी ने खुद 39 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थें. वहीं कुछ सीटों पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार भी किया था. हालांकि सचिव अरूण राजभर ने स्पष्ट किया था कि भाजपा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन था ना कि लोकसभा चुनाव के लिए।
बता दें, लोकसभा के दौरान उससे पहले राजभर भाजपा के खिलाफ लगातार हमला करते रहे हैं. उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधा था. हालही ही ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कहा कि पूर्वांचल की 30 सीटों में से भाजपा केवल तीन सीटें ही जीत पाएगी. राजभर ने एक चुनावी सभा में दावा किया था कि भविष्य में केन्द्र व उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा के सहयोग से ही किसी पार्टी की सरकार बनेगी.