इसी महीने 3 जून को गायब हुए भारतीय वायुसेन के लापता एएन-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिल गया है. हादसे के वक्त इस विमान में 13 लोग सवार थे.
प्रतीकात्मक तस्वीर
इंडियन एयरफोर्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पुष्टि करते हुए यह जानकारी दी है. भारतीय वायुसेना ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश के टाटो इलाके के उत्तरपूर्व में लीपो से 16 किलोमीटर उत्तर में लगभग 12,000 फुट की ऊंचाई पर वायुसेना के लापता एएन-32 विमान का मलबा आज देखा गया. अब हेलीकॉप्टर विस्तृत इलाके में तलाश कर रहे हैं".
बता दें कि हवाई खोज अभियान पिछले 7 दिनों से जारी है. रूसी एएन-32 विमान से सम्पर्क 3 जून को दोपहर में असम के जोरहट से चीन के साथ लगी सीमा के पास स्थित मेंचुका उन्नत लैंडिंग मैदान के लिए उड़ान भरने के बाद टूट गया था. विमान में 13 व्यक्ति सवार थे. विमान के लापता होने के बाद वायुसेना ने मेंचुका और उसके आसपास के क्षेत्र में एक व्यापक खोज अभियान शुरू किया गया था.
रूस निर्मित AN-32 परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था. वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें चीनी सीमा भी शामिल है. 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था जिसमें एएन-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी. अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं. लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था.
प्रतीकात्मक तस्वीर
इंडियन एयरफोर्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पुष्टि करते हुए यह जानकारी दी है. भारतीय वायुसेना ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश के टाटो इलाके के उत्तरपूर्व में लीपो से 16 किलोमीटर उत्तर में लगभग 12,000 फुट की ऊंचाई पर वायुसेना के लापता एएन-32 विमान का मलबा आज देखा गया. अब हेलीकॉप्टर विस्तृत इलाके में तलाश कर रहे हैं".
बता दें कि हवाई खोज अभियान पिछले 7 दिनों से जारी है. रूसी एएन-32 विमान से सम्पर्क 3 जून को दोपहर में असम के जोरहट से चीन के साथ लगी सीमा के पास स्थित मेंचुका उन्नत लैंडिंग मैदान के लिए उड़ान भरने के बाद टूट गया था. विमान में 13 व्यक्ति सवार थे. विमान के लापता होने के बाद वायुसेना ने मेंचुका और उसके आसपास के क्षेत्र में एक व्यापक खोज अभियान शुरू किया गया था.
रूस निर्मित AN-32 परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था. वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें चीनी सीमा भी शामिल है. 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था जिसमें एएन-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी. अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं. लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था.