रुधौली/बस्ती
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही पशुओं के संरक्षण के लिए गांव -गांव कान्हा गौशाला का निर्माण करा रहे हैं लेकिन धरातल की सच्चाई यह है कि पशुओं के संरक्षण के नाम पर गौशाला के अंदर उनको मौत मिल रही है ,ताजा मामला बस्ती जनपद के रुधौली ब्लॉक के बाघाडीहा ग्राम पंचायत में बने
गौशाला की है जंहा चारा- पानी की सुचारू रूप से व्यवस्था न होने के कारण बेड़े में कैद पशु दम तोड़ रहे हैं।
ग्राम पंचायत बाघाडीहा के राजस्व गाँव नकथरी में अस्थाई गौवंश आश्रय का निर्माण कराया गया है जंहा पर मौके की पड़ताल करने के बाद पता चला कि गौ-शाला में जरूरी सुबिधाओं के भी लाले पड़ गए हैं जिसकी वजह से आज सुबह एक बछड़े की मौत हो गई
इस मामले में पशु चिकित्सक देवेंद्र कुमार ने बताया कि बछड़े के पेट में कुछ जख्म थे जिसका इलाज चल रहा था लेकिन गौशाला में चारा पानी के अभाव के कारण उसकी मौत हुई है।
नकथरी में स्थित गौशाला में लगभग 31 पशु है लेकिन चारे के अभाव के चलते चार पशु बीमार पड़ गए हैं जिसमे से एक की मौत भी हो गई है अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चारे और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराए बगैर ही शासन द्वारा इस तरहं से गौशाला चलाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दे दी गई है।
अब इसमें सबसे बड़ा दोषी कौन है यह सवाल लोगों के जेहन में खटक रहा है ,प्रधान कह रहे हैं कि धन नही है ,प्रशासन कह रहा है कि हम मुस्तैदी से लगे हैं, शासन यानी खुद योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि खामियां मिली तो छोड़ेंगे नही।जब कि सब कमियां ही कमियां है।
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही पशुओं के संरक्षण के लिए गांव -गांव कान्हा गौशाला का निर्माण करा रहे हैं लेकिन धरातल की सच्चाई यह है कि पशुओं के संरक्षण के नाम पर गौशाला के अंदर उनको मौत मिल रही है ,ताजा मामला बस्ती जनपद के रुधौली ब्लॉक के बाघाडीहा ग्राम पंचायत में बने
गौशाला की है जंहा चारा- पानी की सुचारू रूप से व्यवस्था न होने के कारण बेड़े में कैद पशु दम तोड़ रहे हैं।
ग्राम पंचायत बाघाडीहा के राजस्व गाँव नकथरी में अस्थाई गौवंश आश्रय का निर्माण कराया गया है जंहा पर मौके की पड़ताल करने के बाद पता चला कि गौ-शाला में जरूरी सुबिधाओं के भी लाले पड़ गए हैं जिसकी वजह से आज सुबह एक बछड़े की मौत हो गई
इस मामले में पशु चिकित्सक देवेंद्र कुमार ने बताया कि बछड़े के पेट में कुछ जख्म थे जिसका इलाज चल रहा था लेकिन गौशाला में चारा पानी के अभाव के कारण उसकी मौत हुई है।
नकथरी में स्थित गौशाला में लगभग 31 पशु है लेकिन चारे के अभाव के चलते चार पशु बीमार पड़ गए हैं जिसमे से एक की मौत भी हो गई है अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चारे और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराए बगैर ही शासन द्वारा इस तरहं से गौशाला चलाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दे दी गई है।
अब इसमें सबसे बड़ा दोषी कौन है यह सवाल लोगों के जेहन में खटक रहा है ,प्रधान कह रहे हैं कि धन नही है ,प्रशासन कह रहा है कि हम मुस्तैदी से लगे हैं, शासन यानी खुद योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि खामियां मिली तो छोड़ेंगे नही।जब कि सब कमियां ही कमियां है।