समीक्षात्मक रिपोर्ट
विश्वपति वर्मा-
उत्तर प्रदेश के मानचित्र पर एक कस्बा है बांसी जो सिद्धार्थनगर जनपद के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा बाजार है जिसको नगर पालिका का दर्जा प्राप्त है ।
मैं पिछले हफ्ते सिद्धार्थ नगर के बांसी नगर पालिका की समस्या को जानने के लिए वँहा पंहुचा था जंहा मैने देखा कि बांसी में एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक सड़क के किनारे बने फुटपाथ गायब हो गए हैं .ऐसा नही है कि यह फुटपाथ जमीन में समा गया है या कोई उठा ले गया है यंहा भारी अतिक्रमण की वजह से बाजार के मुख्य मार्ग के दोनों तरफ के फुटपाथ पूर्ण रूप से कारोबारियों के हवाले हो चुके हैं जिसका परिणाम है कि इस मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यंहा के स्थानीय लोगों से बात चीत करने पर पता चला कि सड़क की पटरी को बेंच कर लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका के जिम्मेदार मोटी कमाई कर रहे हैं .दरअसल सड़क के बगल बने मकान के मालिकों द्वारा फुटपाथ को दुकानदारों को किराए पर दिया जाता है जंहा 1500 रुपये से लेकर 3 हजार रुपये महीने तक का किराया दुकानदारों द्वारा मकान मालिकों को भुगतान किया जाता है और मकान स्वामी नपा और लोकनिर्माण के जिम्मेदारों से सांठगांठ कर फुटपाथ को बेंच कर अवैध तरीके से यह धंधा काफी दिनों से चमका रहे हैं ।
कस्बे के मुख्य सड़क, बांसी-बस्ती और बांसी-नौगढ़ मार्ग पर सड़क की पटरी पर ठेला, गुमटी, चौकी और फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों की संख्या देखने के बाद लगता है कि यह सड़क का फुटपाथ नही बल्कि मंडी की आवंटित दुकाने हैं सड़क से सटाकर ,ठेला, गुमटी, चौकी ,गाड़ी इत्यादि पर सामान बेचने की वजह से हालात यह हो चुके हैं कि आये दिन यंहा सड़क दुर्घटना और जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है।