विश्वपति वर्मा ;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में पूरे पांच साल तक स्वच्छता और शौचालय की बात करते -करते बीत गया लेकिन देश में स्वच्छता लाने और शौचालय को उपयोगी बनाने में भी सरकारी तंत्र पास नहीं हुआ।वंही लोकसभा सदस्यों द्वारा बनवाये गए शौचालय का भी कोई उपयोग नही हो रहा है लिहाजा शौचालय निर्माण को लेकर खर्च किये गए करोड़ो रूपये की योजनाएं महज हाथी दांत बनकर रह गई हैं।
बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी द्वारा सल्टौआ गोपालपुर के भिरियाँ न्यायपंचायत के भिरिया बाजार में शौचालय बनवाया गया लेकिन ढाई वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद शौचालय आज भी प्रयोग में नहीं आ पाया है ,लाखो रूपये की लागत से बनकर तैयार हुई शौचालय के आस -पास न तो साफ सफाई की व्यवस्था है ,न ही पानी के लिए हैण्डपम्प लग पाए। भिरिया में बने शौचालय को बाहर से रंग -पेंट कर दिया गया लेकिन अंदर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था न होने से फर्श पर ही शौच किया गया है।
नेशनल हाइड्रो पॉवर कार्पोरेशन के सहयोग से सीएसआर योजना द्वारा निर्मित इस शौचालय का उद्देश्य था कि सार्वजनिक स्थानों पर आने -जाने वाले लोग प्रसाधन एवं शौचालय के लिए खुले में प्रयोग न करे। इसके लिए इस महवाकांक्षी योजना को देश भर के कई हिस्सों में सुचारु ढंग से सम्पन्न कराने के लिए सांसदों का सहयोग लिया गया । लेकिन सांसदों की उदासीनता के चलते शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।