उन्नाव रेप पीड़िता के ऐक्सिडेंट मामले में हादसा या साजिश को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच अब फोरेंसिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी घटना को हादसा ही बताया गया है इसके पहले पुलिस भी इस मामले को हादसा बताती आ रही है रिपोर्ट की मानें तो बारिश में ट्रक का पहिया फिसला और सीधे जाकर कार से टकरा गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस कार में रेप पीड़िता, उसकी चाची, मौसी और वकील थे, उसकी तेज रफ्तार थी और ट्रक भी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। तेज बारिश हो रही थी। संभव है कि बारिश में ट्रक का पहिया फिसला हो और कार से उसकी टक्कर हो गई हो। फरेंसिक टीम की रिपोर्ट में लिखा है कि ऐक्सिडेंट एक हादसा हो सकता है।
फरेंसिक साइंस लैबरेटरी की लखनऊ और रायबरेली इकाइयों के विशेषज्ञों ने सोमवार को क्राइम साइट का निरीक्षण किया। इसके अलावा विशेषज्ञों ने क्षतिग्रस्त कार और ट्रक की भी जांच की। इस टीम के एक सदस्य ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक हादसा ही प्रतीत होता है। विशेषज्ञ ने कहा, '12 पहिये वाला ट्रक 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। जब कार ट्रक के पास आई, तो ट्रक ड्राइवर उसे संभाल नहीं पाया होगा और ट्रक कार से भिड़ गया होगा।'
विशेषज्ञ ने बताया कि जिस जगह पर ऐक्सिडेंट हुआ है, वहां पर एक अंधा मोड़ भी है। इस अंधे मोड़ पर न तो कोई साइन बोर्ड लगा है, न ही कोई स्पीड ब्रेकर है। कोई चेतावनी भी नहीं लिखी थी, जिस वजह से कार और ट्रक के ड्राइवर ठीक से एक-दूसरे को नहीं देख पाए और जब तक ड्राइवर कार संभालते गाड़ियां भिड़ गईं।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि घटनास्थल पर पहियों के फिसलने के निशान भी हैं। जो निशान हैं, उन्हें देखकर साफ है कि ट्रक तेज रफ्तार में चल रहा था। कार की बॉडी, ट्रक की बॉडी और उनके पेंट्स का भी निरीक्षण किया गया है। आईजी (लखनऊ रेंज) एस के भगत ने बताया कि अभी कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी और उन्होंने इस फरेंसिक रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यूपी पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है। टीम में तीन डेप्युटी एसपी भी शामिल होंगे। इधर सरकार ने सीबीआई जांच की भी मंजूरी दे दी है। अब यूपी की एसआईटी और सीबीआई इस मामले की जांच करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस कार में रेप पीड़िता, उसकी चाची, मौसी और वकील थे, उसकी तेज रफ्तार थी और ट्रक भी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। तेज बारिश हो रही थी। संभव है कि बारिश में ट्रक का पहिया फिसला हो और कार से उसकी टक्कर हो गई हो। फरेंसिक टीम की रिपोर्ट में लिखा है कि ऐक्सिडेंट एक हादसा हो सकता है।
फरेंसिक साइंस लैबरेटरी की लखनऊ और रायबरेली इकाइयों के विशेषज्ञों ने सोमवार को क्राइम साइट का निरीक्षण किया। इसके अलावा विशेषज्ञों ने क्षतिग्रस्त कार और ट्रक की भी जांच की। इस टीम के एक सदस्य ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक हादसा ही प्रतीत होता है। विशेषज्ञ ने कहा, '12 पहिये वाला ट्रक 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। जब कार ट्रक के पास आई, तो ट्रक ड्राइवर उसे संभाल नहीं पाया होगा और ट्रक कार से भिड़ गया होगा।'
विशेषज्ञ ने बताया कि जिस जगह पर ऐक्सिडेंट हुआ है, वहां पर एक अंधा मोड़ भी है। इस अंधे मोड़ पर न तो कोई साइन बोर्ड लगा है, न ही कोई स्पीड ब्रेकर है। कोई चेतावनी भी नहीं लिखी थी, जिस वजह से कार और ट्रक के ड्राइवर ठीक से एक-दूसरे को नहीं देख पाए और जब तक ड्राइवर कार संभालते गाड़ियां भिड़ गईं।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि घटनास्थल पर पहियों के फिसलने के निशान भी हैं। जो निशान हैं, उन्हें देखकर साफ है कि ट्रक तेज रफ्तार में चल रहा था। कार की बॉडी, ट्रक की बॉडी और उनके पेंट्स का भी निरीक्षण किया गया है। आईजी (लखनऊ रेंज) एस के भगत ने बताया कि अभी कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी और उन्होंने इस फरेंसिक रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यूपी पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है। टीम में तीन डेप्युटी एसपी भी शामिल होंगे। इधर सरकार ने सीबीआई जांच की भी मंजूरी दे दी है। अब यूपी की एसआईटी और सीबीआई इस मामले की जांच करेगी।