विश्वपति वर्मा_
धरती माता, गाय माता ,भारत माता जैसे न जाने कितनी माताओं को इस देश के लोगों को गुमराह करने के लिए पैदा कर दिया गया है ,लेकिन ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग ढाई करोड़ करोड़ महिलाएं और लड़कियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं लेकिन इसपर बात नही होती,रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश सेक्स वर्कर 16 साल से कम उम्र में ही इस धंधे में उतर गई यानि कि स्पष्ट है कि उन्हें मजबूरियों ने इस धंधे में उतरने के लिए विवश किया है।
इलाहाबाद के मीरगंज रेडलाइट एरिया की एक तस्वीर
जाहिर सी बात है कि इतनी बड़ी आबादी में अधिकांश निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार की बच्चियां शामिल हैं ऐसा नही है कि उच्च वर्ग की लड़कियां इस माहौल में नही हैं बल्कि शर्त यह है कि उन्हें वेश्या नही बोला जायेगा सनी लियोनी के नाम पर उन्हें सेलिब्रिटीज बोला जाएगा।और फिर वही लोग आपके घरों में इस्तेमाल क्या होगा उसे टीवी पर आकर बताएंगी फिर वह भी आपकी फैन हो जाएंगी ।और इसी तरीके से बड़े बड़े सपने देखकर लड़कियां घर से निकल जाती हैं लेकिन सारे सपनों का संसार वंही खत्म हो जाता है जब वें रेड लाइट एरिया के कोठे पर बिक जाती हैं।
लेकिन देश के जिम्मेदार लोगों ने कभी इस बात की गंभीरता नही लिया कि आखिर इतनी बड़ी आबादी वेश्यावृत्ति जैसे धंधे में लिप्त है तो आखिर इसका कारण क्या हो सकता है?क्या वह किसी की बहन -बेटी और मां नही हैं जिनकी रक्षा-सुरक्षा और रोजगार की बात की जाए? भारत मे अक्सर देखने को मिलता है कभी गाय माता कभी दुर्गा माता तो कभी भारत माता के नाम पर दंगे होते रहते हैं यह दंगा होने का कारण यह है कि लोगों को लगता है की किसी व्यक्ति या समुदाय द्वारा माता के ऊपर ठेस पंहुचाया गया है लेकिन कभी इस बात पर दंगा होते नही देखा गया कि देश के शहरों को "रेड लाइट एरिया" से मुक्त किया जाए ,आप सोचिये जिस देश मे ढाई करोड़ महिलाएं सेक्स रैकेट का हिस्सा बन चुकी हैं वह देश के ढाई करोड़ परिवारों से आती होंगी लेकिन देश की इतनी बड़ी आबादी ने कभी इसपर आवाज नही उठाई न ही इतनी बड़ी आबादी ने कभी हक अधिकार और रोजगार की मांग करने के लिए आगे आई.आएंगे भी कैसे इन्हें गाय माता, भारत माता और दुर्गा माता की समस्या सबसे बड़ी लगती है .जब आप विश्व के अन्य देशों के बारे में अध्ययन करेंगे तो आपको पता चलेगा कि जापान के लोग अपने देश को कभी जापान माता नही बोलते, अमेरिका ने अपने देश को कभी अमेरिका माता नही बोला ,ऐसे ही दुनिया में सैकड़ों देश है लेकिन उनके नागरिक अपने देश को माता नही बोलते लेकिन यंहा भारत मे हर वह चीज सबकी माता हो जाती है जिसके पिता का पता ही नही है।लेकिन जिसके बारे में सबकुछ पता है उसपर कभी आवाज नही उठती।
इस लिए इतनी बड़ी समस्या पर विचार करने की जरूरत है ,व्यवस्था में बदलाव की मांग करने की जरूरत है,सरकार से लड़ाई की जरूरत है ,भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए भारत मे ग्लैमर वर्ल्ड पर पाबंदी की जरूरत है ।
और इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत यह है कि लोग बेबुनियाद मुद्दे पर बात करना बंद करें, भारत माता, गाय माता, दुर्गा माता, धरती माता कंही भी खतरे में नही हैं खतरे में हैं तो आपकी बहन बेटियां इस लिए सबसे पहले मुद्दे पर बात करने की जरूरत है ,यदि इस बात को दरकिनार किया गया तो वर्तमान में ढाई करोड़ की संख्या में जो लड़कियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं आने वाले दिनों में यह संख्या 5 -10 करोड़ भी हो सकता है ,सोचो ये लड़कियां आयेंगी कंहा से।
धरती माता, गाय माता ,भारत माता जैसे न जाने कितनी माताओं को इस देश के लोगों को गुमराह करने के लिए पैदा कर दिया गया है ,लेकिन ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग ढाई करोड़ करोड़ महिलाएं और लड़कियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं लेकिन इसपर बात नही होती,रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश सेक्स वर्कर 16 साल से कम उम्र में ही इस धंधे में उतर गई यानि कि स्पष्ट है कि उन्हें मजबूरियों ने इस धंधे में उतरने के लिए विवश किया है।
इलाहाबाद के मीरगंज रेडलाइट एरिया की एक तस्वीर
जाहिर सी बात है कि इतनी बड़ी आबादी में अधिकांश निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार की बच्चियां शामिल हैं ऐसा नही है कि उच्च वर्ग की लड़कियां इस माहौल में नही हैं बल्कि शर्त यह है कि उन्हें वेश्या नही बोला जायेगा सनी लियोनी के नाम पर उन्हें सेलिब्रिटीज बोला जाएगा।और फिर वही लोग आपके घरों में इस्तेमाल क्या होगा उसे टीवी पर आकर बताएंगी फिर वह भी आपकी फैन हो जाएंगी ।और इसी तरीके से बड़े बड़े सपने देखकर लड़कियां घर से निकल जाती हैं लेकिन सारे सपनों का संसार वंही खत्म हो जाता है जब वें रेड लाइट एरिया के कोठे पर बिक जाती हैं।
लेकिन देश के जिम्मेदार लोगों ने कभी इस बात की गंभीरता नही लिया कि आखिर इतनी बड़ी आबादी वेश्यावृत्ति जैसे धंधे में लिप्त है तो आखिर इसका कारण क्या हो सकता है?क्या वह किसी की बहन -बेटी और मां नही हैं जिनकी रक्षा-सुरक्षा और रोजगार की बात की जाए? भारत मे अक्सर देखने को मिलता है कभी गाय माता कभी दुर्गा माता तो कभी भारत माता के नाम पर दंगे होते रहते हैं यह दंगा होने का कारण यह है कि लोगों को लगता है की किसी व्यक्ति या समुदाय द्वारा माता के ऊपर ठेस पंहुचाया गया है लेकिन कभी इस बात पर दंगा होते नही देखा गया कि देश के शहरों को "रेड लाइट एरिया" से मुक्त किया जाए ,आप सोचिये जिस देश मे ढाई करोड़ महिलाएं सेक्स रैकेट का हिस्सा बन चुकी हैं वह देश के ढाई करोड़ परिवारों से आती होंगी लेकिन देश की इतनी बड़ी आबादी ने कभी इसपर आवाज नही उठाई न ही इतनी बड़ी आबादी ने कभी हक अधिकार और रोजगार की मांग करने के लिए आगे आई.आएंगे भी कैसे इन्हें गाय माता, भारत माता और दुर्गा माता की समस्या सबसे बड़ी लगती है .जब आप विश्व के अन्य देशों के बारे में अध्ययन करेंगे तो आपको पता चलेगा कि जापान के लोग अपने देश को कभी जापान माता नही बोलते, अमेरिका ने अपने देश को कभी अमेरिका माता नही बोला ,ऐसे ही दुनिया में सैकड़ों देश है लेकिन उनके नागरिक अपने देश को माता नही बोलते लेकिन यंहा भारत मे हर वह चीज सबकी माता हो जाती है जिसके पिता का पता ही नही है।लेकिन जिसके बारे में सबकुछ पता है उसपर कभी आवाज नही उठती।
इस लिए इतनी बड़ी समस्या पर विचार करने की जरूरत है ,व्यवस्था में बदलाव की मांग करने की जरूरत है,सरकार से लड़ाई की जरूरत है ,भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए भारत मे ग्लैमर वर्ल्ड पर पाबंदी की जरूरत है ।
और इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत यह है कि लोग बेबुनियाद मुद्दे पर बात करना बंद करें, भारत माता, गाय माता, दुर्गा माता, धरती माता कंही भी खतरे में नही हैं खतरे में हैं तो आपकी बहन बेटियां इस लिए सबसे पहले मुद्दे पर बात करने की जरूरत है ,यदि इस बात को दरकिनार किया गया तो वर्तमान में ढाई करोड़ की संख्या में जो लड़कियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं आने वाले दिनों में यह संख्या 5 -10 करोड़ भी हो सकता है ,सोचो ये लड़कियां आयेंगी कंहा से।