महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाली दलित डॉक्टर पायल तडवी मामले की जांच के दौरान पुलिस को कम से कम तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अपने बयान में बताया है कि उन पर जातिवादी टिप्पणियां की जाती थीं.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ गाइनो विभाग के एक हेल्पर ने अपने बयान में कहा है कि दिसंबर 2018 में डॉक्टर हेमा आहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहारे ने तडवी से कहा था, "ये काम कौन करेगा, ये तेरा काम नहीं है तो किसका काम है? तू छोटी जात हो के हमारी बराबरी करेगी क्या?"
एक अन्य बयान में एक चश्मदीद ने कहा है कि अभियुक्त डॉक्टरों ने पायल से कहा था, "ऐ आदिवासी, तू इधर क्यूं आई है? तू डिलीवरी करने के लायक नहीं है, तू हमारी बराबरी करती है..."
पायल तडवी ने 22 मई को टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज के अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस मामले में तीन महिला डॉक्टरों को आत्महत्या के लिए उकसाने और जातिवाती भेदभाव के आरोप में गिरफ़्तार किया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ गाइनो विभाग के एक हेल्पर ने अपने बयान में कहा है कि दिसंबर 2018 में डॉक्टर हेमा आहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहारे ने तडवी से कहा था, "ये काम कौन करेगा, ये तेरा काम नहीं है तो किसका काम है? तू छोटी जात हो के हमारी बराबरी करेगी क्या?"
एक अन्य बयान में एक चश्मदीद ने कहा है कि अभियुक्त डॉक्टरों ने पायल से कहा था, "ऐ आदिवासी, तू इधर क्यूं आई है? तू डिलीवरी करने के लायक नहीं है, तू हमारी बराबरी करती है..."
पायल तडवी ने 22 मई को टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज के अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस मामले में तीन महिला डॉक्टरों को आत्महत्या के लिए उकसाने और जातिवाती भेदभाव के आरोप में गिरफ़्तार किया है.