सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को सीबीआई को और स्वायत्तता दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि जब मामला राजनीति से जुड़ा नहीं होता तो सीबीआई काम अच्छा करती है. लेकिन राजनीति से जुड़े संवेदनशील मामलों में सीबीआई पड़ताल मानकों के अनुरूप नहीं होती.
चीफ़ जस्टिस गोगोई ने 18वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर के दौरान ये बात कही. उन्होंने इसकी वजहें गिनाईं- क़ानूनी अस्पष्टता, कमज़ोर मानव संसाधन, समुचित पैसे का अभाव, जवाबदेही, राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप.
इस दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई की अपनी एक ख़ास जगह है लेकिन इसकी नाकामी ज़्यादा ध्यान खींचती है.
चीफ़ जस्टिस ने सीबीआई को संवैधानिक अधिनियम के ज़रिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की वैधानिक स्थिति के बराबर क़ानूनी दर्जा दिया जाना चाहिए.
चीफ़ जस्टिस गोगोई ने 18वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर के दौरान ये बात कही. उन्होंने इसकी वजहें गिनाईं- क़ानूनी अस्पष्टता, कमज़ोर मानव संसाधन, समुचित पैसे का अभाव, जवाबदेही, राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप.
इस दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई की अपनी एक ख़ास जगह है लेकिन इसकी नाकामी ज़्यादा ध्यान खींचती है.
चीफ़ जस्टिस ने सीबीआई को संवैधानिक अधिनियम के ज़रिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की वैधानिक स्थिति के बराबर क़ानूनी दर्जा दिया जाना चाहिए.