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प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता है, हालांकि राजनेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं. उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 जब बना था, विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है, हालांकि कुछ मंत्रियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
जब से कानून लागू हुआ, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मुलायम सिंह यादव, मायावती , कल्याण सिंह, अखिलेश यादव , राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ. विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ उठाना चाहिए क्योंकि अधिकांश मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है.
दिलचस्प बात यह है कि समय बीतने के साथ ही राज्य का नेतृत्व बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे नेताओं के हाथ रहा. राज्यसभा के 2012 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार जिनकी संपत्ति 111 करोड़ रुपये बतायी जाती है. लोकसभा के हाल के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी उनकी पत्नी डिम्पल के साथ 37 करोड़ ऱपये से अधिक की संपत्ति है. विधान परिषद के 2017 के चुनाव के समय दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी की संपत्ति 95 लाख रुपये से अधिक है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा कि फैसला सही नहीं लगता. इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अब वेतन कई गुना अधिक हो चुके हैं इसलिए इस रियायत की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है. इस कानून पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त किया जाना चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री एवं बसपा नेता लालजी वर्मा सहित कई नेताओं को इस कानून की जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि जहां तक उन्हें याद है, वह कर अदायगी करते रहे हैं. सपा के एक नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी सुविधा की जानकारी नहीं है.
वरिष्ठ सपा नेताओं से बात करने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे. प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से इसकी पुष्टि करने के बाद ही वह इस मुद्दे पर कोई बात करने की स्थिति में होंगे. समाजसेवी अनिल कुमार कहते हैं कि आम आदमी के लिए यह हैरानी की बात है, जो भारी भरकम राशि कर के रूप में देता है लेकिन राजनेता कर अदायगी नहीं करते. उन्होंने कहा कि हमारी तरह नेताओं को भी आयकर का भुगतान करना चाहिए.
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के 86 लाख रुपये कर की अदायगी राज्य सरकार ने की है. इस बीच, राज्य के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि वीपी सिंह के समय 1981 से एक कानून चला आ रहा है. जो भी किया जा रहा है, उस कानून के अनुरूप किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि आने वाले समय में हम किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार करेंगे कि इस बारे में क्या कुछ अच्छे से अच्छा किया जा सकता है.