सरकार ने जम्मू-कश्मीर के सेब की सीधी खरीद करने और उत्पादकों को उनका भुगतान सीधे बैंक खाते के जरिये करने की घोषणा की है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सेब के किसानों से खरीद का काम भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा किया जाएगा. खरीद का काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. सरकार ने यह कदम इन खबरों के बाद उठाया है कि कुछ आतंकवादियों ने सेब उत्पादकों से अपने उत्पादन को बाजार में नहीं बेचने की धमकी दी है.
सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को धारा 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने और राज्य को दो संघ शासित प्रदेशों में बांटने के बाद आतंकवादियों द्वारा सेब किसानों को धमकी दी जा रही है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने चालू सीजन 2019 में जम्मू-कश्मीर के किसानों से सेब की खरीद करने की घोषणा की है. नाफेड द्वारा राज्य सरकार की अधिकृत एजेंसियों के जरिये खरीद का काम 15 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा.''
अधिकारी ने कहा कि सही सेब उत्पादकों से खरीद सीधे की जाएगी और राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उनका भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाए. अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी सेब उत्पाद जिलों में सब श्रेणियों के सेब...ए, बी, सी की खरीद की जाएगी. इसके अलावा सोपोर, शोपियां और श्रीनगर के थोक बाजारों से भी सीधी खरीद की जाएगी. विभिन्न श्रेणियों के सेब का दाम मूल्य समिति द्वारा तय किया जाएगा. इस समिति में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से भी सदस्य होगा. गुणवत्ता समिति यह सेब की उचित ग्रेडिंग सुनिश्चित करेगी.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव राज्य स्तर की क्रियान्वयन एवं संयोजन समिति के प्रमुख होंगे. वहीं केंद्रीय कृषि, गृह मंत्रालय तथा अन्य केंद्रीय एजेंसियों इस योजना का सुगमता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शनिवार को कहा था कि घाटी से प्रतिदिन 750 ट्रक सेब देश के अन्य हिस्सों के लिए जाते हैं. पिछले शुक्रवार को आतंकवादियों ने सोपोर में एक प्रमुख फल कारोबारी के परिवार के सदस्यों पर हमला किया था. इस हमले में व्यापारी का 25 वर्षीय पुत्र और ढाई साल की पोती घायल हुए थे.