19 फरवरी से सिंगल हेल्पलाइन सर्विस देशभर के 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी कर दी गई है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस नंबर को शुरू करने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है 26 अक्टूबर को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आपातकाल नंबर की शुरुआत करेंगे जिसका डायल कोड 112 होगा।
1972 में शुरू हुआ 112
सबसे पहले साल 1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल एंड टेलिकम्युनिकेशंस एडमिनिस्ट्रेशंस (CEPT) ने 112 नंबर को इमरजेंसी नंबर के रूप में चुना था. उन दिनों रोटरी टाइप फोन (जिन फोन में नंबर को घुमाकर डायल किया जाता है) हुआ करते थे. इन फोन में 112 नंबर डायल करने में कम समय और कम रोटेशन की जरूरत होती थी.
हालांकि अब रोटरी फोन की जगह मोबाइल फोन आ गए हैं. लेकिन फोन में भी 100, 101, 102, 108, 1090 की बजाय 112 डॉयल करना आसान है. अगर आपके पास GSM फोन है, तो फोन लॉक होने के बावजूद 112 नंबर डायल किया जा सकता है.
कौन-कौन सी सर्विस इसके दायरे में आएंगी?
किसी को भी कभी भी किसी भी तरह की परेशानी या खतरा आने पर इमरजेंसी सर्विस लेने की जरूरत पड़ती है. हमें ये समझना चाहिए कि इस दायरे में कौन-कौन सी सर्विस आती हैं. इनमें से अगर कोई परेशानी आपकी जिंदगी में आती है, तो तुरंत 112 नंबर पर कॉल कीजिए.
अगर रास्ते में कार का एक्सीडेंट हो गया है और चोट लगी है. तो तुरंत इमरसेंजी सर्विस पर कॉल कीजिए. अगर आपके सामने भी किसी एक्सीडेंट होता है तो भी कॉल करना चाहिए. ताकि एंबुलेंस सर्विस जल्दी आकर जरूरतमंद को इलाज के लिए अस्पताल ले जाए.
अगर आपको घर के अंदर या बाहर जान का खतरा है, तो भी इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना चाहिए. ताकि पुलिस आपकी मदद कर सकें. इसके अलावा किसी भी तरह के क्राइम की पुलिस से शिकायत करने के लिए भी कॉल कर सकते हैं.
आपके घर, दुकान या आसपास कहीं आग लग गई है, तो तुंरत फायर ब्रिगेड को बुलाने के लिए 112 नंबर पर कॉल कीजिए
आप महिला हैं, रास्ते में कोई मनचला आपके साथ छेड़खानी करता है या किसी से खतरा महसूस हो रहा है, तो पुलिस की मदद के लिए 112 नंबर डायल कीजिए.
EMERGENCY और NON EMERGENCY स्थिति को कैसे समझे?
कुछ स्थितियां ऐसी भी होती हैं जिसके लिए इमरजेंसी नहीं होती है लेकिन फिर भी सहायता की जरूरत होती है. आइए ऐसी ही कुछ स्थितियों को जानते हैं. जैसे-
कार का एक्सीडेंट हो गया है. लेकिन कोई घायल नहीं है. कार को कुछ नुकसान हुआ है. ये कोई जानलेवा स्थिति नहीं है.
आपके घर चोरी हो गई है और अपराधी भाग चुका है. ये इमरजेंसी स्थिति नहीं है.
घर की बिजली चली गई है. ब्लैक आउट हो गया है. इसके लिए लोकल इलेक्ट्रिसिटी नंबर पर कॉल करें।
अगर मजाक में 112 नंबर कॉल की जाए, तो?
अगर इमरजेंसी नंबर पर मजाक करने के लिए या जानबूझकर कॉल की जाती है, तो इस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. फालतू में कॉल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. उन पर आपराधिक मामला चल सकता है.
क्योंकि जब मजाक में या जानबूझकर इमरजेंसी नंबर पर हम कॉल कर रहे होते हैं, तो हो सकता है कि उसी वक्त कोई दूसरा बहुत जरूरतमंद व्यक्ति भी कॉल कर रहा हो. ऐसे में ऑपरेटर उस जरूरतमंद व्यक्ति की कॉल नहीं ले पाएगा. उस जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर इमरजेंसी सर्विस नहीं मिल पाएगी या मदद मिलने में देरी भी हो सकती है.
100 नंबर चालू है, तो 112 क्यों?
पहले से मौजूद किसी भी इमरजेंसी नंबर (100, 102, 108, 1090) बंद नहीं किए गए हैं. सभी नंबर पूरी तरह से काम कर रहे हैं. लेकिन अब सिंगल इमरजेंसी नंबर 112 पर भी कॉल की किया जा सकता है.
112 एक ग्लोबली मान्यता प्राप्त सिंगल इमरजेंसी नंबर है. ज्यादातर यूरोपीय देशों में इमरजेंसी के लिए इसी नंबर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में भी इमरेजेंसी के लिए यही नंबर है. ज्यादातर फोन हैंडसेट में इमरजेंसी नंबर के तौर पर 112 नंबर को फीड किया गया है.
1972 में शुरू हुआ 112
सबसे पहले साल 1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल एंड टेलिकम्युनिकेशंस एडमिनिस्ट्रेशंस (CEPT) ने 112 नंबर को इमरजेंसी नंबर के रूप में चुना था. उन दिनों रोटरी टाइप फोन (जिन फोन में नंबर को घुमाकर डायल किया जाता है) हुआ करते थे. इन फोन में 112 नंबर डायल करने में कम समय और कम रोटेशन की जरूरत होती थी.
हालांकि अब रोटरी फोन की जगह मोबाइल फोन आ गए हैं. लेकिन फोन में भी 100, 101, 102, 108, 1090 की बजाय 112 डॉयल करना आसान है. अगर आपके पास GSM फोन है, तो फोन लॉक होने के बावजूद 112 नंबर डायल किया जा सकता है.
कौन-कौन सी सर्विस इसके दायरे में आएंगी?
किसी को भी कभी भी किसी भी तरह की परेशानी या खतरा आने पर इमरजेंसी सर्विस लेने की जरूरत पड़ती है. हमें ये समझना चाहिए कि इस दायरे में कौन-कौन सी सर्विस आती हैं. इनमें से अगर कोई परेशानी आपकी जिंदगी में आती है, तो तुरंत 112 नंबर पर कॉल कीजिए.
अगर रास्ते में कार का एक्सीडेंट हो गया है और चोट लगी है. तो तुरंत इमरसेंजी सर्विस पर कॉल कीजिए. अगर आपके सामने भी किसी एक्सीडेंट होता है तो भी कॉल करना चाहिए. ताकि एंबुलेंस सर्विस जल्दी आकर जरूरतमंद को इलाज के लिए अस्पताल ले जाए.
अगर आपको घर के अंदर या बाहर जान का खतरा है, तो भी इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना चाहिए. ताकि पुलिस आपकी मदद कर सकें. इसके अलावा किसी भी तरह के क्राइम की पुलिस से शिकायत करने के लिए भी कॉल कर सकते हैं.
आपके घर, दुकान या आसपास कहीं आग लग गई है, तो तुंरत फायर ब्रिगेड को बुलाने के लिए 112 नंबर पर कॉल कीजिए
आप महिला हैं, रास्ते में कोई मनचला आपके साथ छेड़खानी करता है या किसी से खतरा महसूस हो रहा है, तो पुलिस की मदद के लिए 112 नंबर डायल कीजिए.
EMERGENCY और NON EMERGENCY स्थिति को कैसे समझे?
कुछ स्थितियां ऐसी भी होती हैं जिसके लिए इमरजेंसी नहीं होती है लेकिन फिर भी सहायता की जरूरत होती है. आइए ऐसी ही कुछ स्थितियों को जानते हैं. जैसे-
कार का एक्सीडेंट हो गया है. लेकिन कोई घायल नहीं है. कार को कुछ नुकसान हुआ है. ये कोई जानलेवा स्थिति नहीं है.
आपके घर चोरी हो गई है और अपराधी भाग चुका है. ये इमरजेंसी स्थिति नहीं है.
घर की बिजली चली गई है. ब्लैक आउट हो गया है. इसके लिए लोकल इलेक्ट्रिसिटी नंबर पर कॉल करें।
अगर मजाक में 112 नंबर कॉल की जाए, तो?
अगर इमरजेंसी नंबर पर मजाक करने के लिए या जानबूझकर कॉल की जाती है, तो इस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. फालतू में कॉल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. उन पर आपराधिक मामला चल सकता है.
क्योंकि जब मजाक में या जानबूझकर इमरजेंसी नंबर पर हम कॉल कर रहे होते हैं, तो हो सकता है कि उसी वक्त कोई दूसरा बहुत जरूरतमंद व्यक्ति भी कॉल कर रहा हो. ऐसे में ऑपरेटर उस जरूरतमंद व्यक्ति की कॉल नहीं ले पाएगा. उस जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर इमरजेंसी सर्विस नहीं मिल पाएगी या मदद मिलने में देरी भी हो सकती है.
100 नंबर चालू है, तो 112 क्यों?
पहले से मौजूद किसी भी इमरजेंसी नंबर (100, 102, 108, 1090) बंद नहीं किए गए हैं. सभी नंबर पूरी तरह से काम कर रहे हैं. लेकिन अब सिंगल इमरजेंसी नंबर 112 पर भी कॉल की किया जा सकता है.
112 एक ग्लोबली मान्यता प्राप्त सिंगल इमरजेंसी नंबर है. ज्यादातर यूरोपीय देशों में इमरजेंसी के लिए इसी नंबर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में भी इमरेजेंसी के लिए यही नंबर है. ज्यादातर फोन हैंडसेट में इमरजेंसी नंबर के तौर पर 112 नंबर को फीड किया गया है.