हरियाणा कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका का 53वीं बार तबादला कर दिया गया है. हरियाणा सरकार ने 1991 बैच के वरिष्ठ नौकरशाह अशोक खेमका को इस बार अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागों का प्रधान सचिव बनाया है. इससे पहले इसी साल मार्च में खेमका का ट्रांसफर करते हुए उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था. करीब 27 साल के करियर में 53वीं बार तबादले पर अशोक खेमका का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''फिर तबादला. लौट कर फिर वहीं. कल संविधान दिवस मनाया गया. आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा, ईमानदारी का ईनाम जलालत.''
गौरतलब है कि अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं. वह गुरुग्राम में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण सुर्खियों में रहे हैं. कहा जाता है कि अशोक खेमका जिस भी विभाग में जाते हैं, वहीं घपले-घोटाले उजागर करते हैं, जिसके चलते अक्सर उन्हें ट्रांसफर का दंश झेलना पड़ता है. वह भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासनकाल में भी कई घोटालों का खुलासा कर चुके हैं. अशोक खेमका पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पैदा हुए. फिर आईआईटी खड़गपुर से 1988 में बीटेक किए और बाद में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी किए. उन्होंने एमबीए भी कर रखी है. बता दें कि नवंबर 2014 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के लैंड डील से जुड़े खुलासे के बाद खेमका का तबादला परिवहन विभाग में कर दिया था, जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा था और सरकार के इस फैसले पर सवाल उठे थे.
गौरतलब है कि अशोक खेमका 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं. वह गुरुग्राम में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण सुर्खियों में रहे हैं. कहा जाता है कि अशोक खेमका जिस भी विभाग में जाते हैं, वहीं घपले-घोटाले उजागर करते हैं, जिसके चलते अक्सर उन्हें ट्रांसफर का दंश झेलना पड़ता है. वह भूपिंदर सिंह हुड्डा के शासनकाल में भी कई घोटालों का खुलासा कर चुके हैं. अशोक खेमका पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पैदा हुए. फिर आईआईटी खड़गपुर से 1988 में बीटेक किए और बाद में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी किए. उन्होंने एमबीए भी कर रखी है. बता दें कि नवंबर 2014 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के लैंड डील से जुड़े खुलासे के बाद खेमका का तबादला परिवहन विभाग में कर दिया था, जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा था और सरकार के इस फैसले पर सवाल उठे थे.