भ्रष्टाचार उजागर न हो इसके लिए संजीव चतुर्वेदी को हटाने के लिए पीएम मोदी ने किया था फोन - तहक़ीकात समाचार

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सोमवार, 18 नवंबर 2019

भ्रष्टाचार उजागर न हो इसके लिए संजीव चतुर्वेदी को हटाने के लिए पीएम मोदी ने किया था फोन


19 मुकदमें और दर्जन भर से ज्यादा ट्रांसफर झेल चुके मैग्सेसे अवार्ड विजेता नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से टेलीफोन पर बात की थी.

 ये जानकारी हालिया सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के तहत हुई है . इंडियन फोरेस्ट सर्विसेज यानि IFS अधिकारी संजीव चतुर्वेदी 2012 से लेकर 2014 तक अखिल भारतीय आयुर्विद संस्थान (AIIMS) के मुख्य सतर्कता अधिकारी के तौर पर कार्यरत रहे. इन दो साल के कार्यकाल के दौरान AIIMS में 200 से ज्यादा भ्रष्टाचार के मामलों को उन्होंने उजागर किया. जिसमें IAS अधिकारी विनीत चौधरी से लेकर IPS अधिकारी शैलेश यादव तक पर इसकी आंच आई थी. इसके चलते वो सरकार से लेकर नौकरशाहों तक की आंखों की किरकिरी बन गए थे.

RTI के तहत मिले दस्तावेज के मुताबिक तत्कालिन स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा का D.O NO File No:V-16020/36/2009-ME-I नंबर का एक पत्र प्रधानमंत्री के उस वक्त के प्रिंसीपल सचिव पीके मिश्रा को 23 अगस्त 2014 को लिखा गया, जिसमें कहा गया कि डिप्टी सचिव और CVO संजीव चतुर्वेदी को कार्यमुक्त करने के बाबत प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर बातचीत हुई. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने AIIMS के उस वक्त के CVO संजीव चतुर्वेदी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया.


साल 2012 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल में हरियाणा कॉडर के IFS  अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को AIIMS का CVO नियुक्त किया गया. CVO नियुक्त होने से पहले हरियाणा के DFO रहते हुए संजीव चतुर्वेदी ने हरियाणा में भी भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया. जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनकी नहीं बनती थी. AIIMS के CVO रहते हुए संदीव चतुर्वेदी ने AIIMS के डिप्टी डायरेक्टर विनीत चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए. विनीत चौधरी पर आरोप लगे थे कि 2010 से लेकर 2012 तक AIIMS के डवलपमेंट वर्क और झज्जर में बन रहे कैंसर अस्पताल में मानकों को ताक पर रखकर काम करवाए गए. कथित तौर पर विनीत चौधरी ने उस वक्त AIIMS के सुपरिडेंटेड इंजीनियर और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के मुखिया बीएस आनंद का कार्यकाल बढ़वाया और कैंसर अस्पताल बनाने में फंड का दुरुपयोग किया गया. इस जांच के आधार पर बीएस आनंद को बर्खास्त कर दिया गया. जांच आगे बढ़ी तो कई अधिकारी घेरे में आने लगे, इसी बीच केंद्र में बीजेपी आई और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को बनाया गया. लेकिन इस बीच AIIMS के CVO की शिकायत पर विनीत चौधरी के खिलाफ CBI ने केस दर्ज कर लिया. 

पूरी खबर पढ़ने के लिए आप बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

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