तेलंगाना के करीमनगर में एक सरकारी दफतर में घुसते ही 'I Am Uncorrupted' यानि 'मैं ईमानदार हूं' लिखा हुआ बोर्ड मिलता है. दरअसल, यह दफ्तर एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर (एडीई) पोदेती अशोक का है. वह तेलंगाना के करीमनगर में स्थिति नॉर्दर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के विभाग में काम करते हैं. उन्होंने अपने दफ्तर में यह बोर्ड इसलिए लगवाया है क्योंकि रोजाना बहुत से लोग अपना काम करवाने के लिए उन्हें रिश्वत देने आते हैं, जिससे वह अब काफी परेशान हो गए हैं.
चमकदार लाल रंग के बोर्ड पर तेलुगु में "नेनु लंचम थेसुकोनू (मैं रिश्वत नहीं लेता हूं)" लिखा है. और उसके नीचे अंग्रेजी में लिखा है "मैं अनकर्प्टेड हूं". द हिंदू के अनुसार, अशोक ने यह बोर्ड लगभग 40 दिन पहले लगाया था और हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीर काफी वायरल हो रही है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, पोदेती अशोक पिछले 14 सालों से बिजली विभाग में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''इस दौरान लोगों ने अपना काम करवाने के लिए उन्हें कई बार घूस देने की कोशिश की और उन्हें परेशान किया''.
उन्होंने बताया "हमारे कार्यालय में, हर दिन नए लोग कार्यालय में आते हैं और रिश्वत देने की कोशिश करते हैं. मैं एक ही बात को दोहराते हुए थक गया था, कि मैं रिश्वत नहीं लेता हूं. आखिरकार, मैंने अपने दफ्तर में ये बोर्ड लगाने का फैसला किया. यह नोटिस रिश्वत देने आए लोगों की शंकाओं को दूर करेगा''. उन्होंने यह बताया कि, ''वह बोर्ड के कारण अपने सहकर्मियों से दुश्मनी का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह पूरे विभाग को भ्रष्ट कह रहे हैं''.
अशोक ने आगे कहा, "मेरा कहने का मतलब यह है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे कहने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि दूसरे लोग भ्रष्ट हैं."
चमकदार लाल रंग के बोर्ड पर तेलुगु में "नेनु लंचम थेसुकोनू (मैं रिश्वत नहीं लेता हूं)" लिखा है. और उसके नीचे अंग्रेजी में लिखा है "मैं अनकर्प्टेड हूं". द हिंदू के अनुसार, अशोक ने यह बोर्ड लगभग 40 दिन पहले लगाया था और हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीर काफी वायरल हो रही है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, पोदेती अशोक पिछले 14 सालों से बिजली विभाग में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''इस दौरान लोगों ने अपना काम करवाने के लिए उन्हें कई बार घूस देने की कोशिश की और उन्हें परेशान किया''.
उन्होंने बताया "हमारे कार्यालय में, हर दिन नए लोग कार्यालय में आते हैं और रिश्वत देने की कोशिश करते हैं. मैं एक ही बात को दोहराते हुए थक गया था, कि मैं रिश्वत नहीं लेता हूं. आखिरकार, मैंने अपने दफ्तर में ये बोर्ड लगाने का फैसला किया. यह नोटिस रिश्वत देने आए लोगों की शंकाओं को दूर करेगा''. उन्होंने यह बताया कि, ''वह बोर्ड के कारण अपने सहकर्मियों से दुश्मनी का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह पूरे विभाग को भ्रष्ट कह रहे हैं''.
अशोक ने आगे कहा, "मेरा कहने का मतलब यह है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे कहने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि दूसरे लोग भ्रष्ट हैं."