मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में बरकछा स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के राजीव गांधी दक्षिण परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का झंडा हटाए जाने के विवाद में देहात कोतवाली में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
देहात कोतवाली निरीक्षक अभय सिंह ने बताया कि पुलिस को दी गयी तहरीर के अनुसार, राजीव गांधी दक्षिण परिसर के मैदान में मंगलवार 12 नवंबर को आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य शाखा लगाकर योगाभ्यास कर रहे थे.उन्होंने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि इस बीच डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले वहां पहुंच गईं और आरएसएस का झंडा निकालकर उसे लेकर चली गईं. झंडा लगाने का विरोध करते हुए डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि ‘ध्वज नहीं लगेगा, आप योग कर सकते हैं.’संघ के सदस्यों ने झंडा उखाड़ने का विरोध किया और इसे झंडे का अपमान बताया तथा प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए. उनकी मांग थी कि डिप्टी चीफ प्रॉक्टर इस्तीफा दें और उन लोगों को अगले दिन से ध्वज लगाकर योगाभ्यास करने दिया जाए.छात्रों ने डिप्टी चीफ प्रॉक्टर पर झंडे का अपमान करने के साथ ही अपने साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया. घटना की जानकारी होने पर आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाह सोहन मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग करने लगे.थोड़ी देर में ही नगर विधायक रत्नाकर मिश्र भी मौके पर पहुंच गए और दोनों ने कार्रवाई की मांग की. मामला बढ़ते देख डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया और झंडा हटाने पर माफी मांगी.
इसके बाद संगठन के जिला कार्यवाहक चंद्रमोहन की तहरीर पर देहात कोतवाली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया.देहात कोतवाली निरीक्षक ने कहा कि धाराएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ी हैं. मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच की जा रही है.वहीं, दूसरी ओर डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले ने कहा, ‘उन्होंने वर्तमान माहौल को देखकर छात्रों से ध्वज हटाने को कहा था जिसे उन्होंने नहीं हटाया. इसलिए उन्हें ध्वज हटाना पड़ा. ध्वज निकालकर उन्होंने उसे अपने सहायक अटेंडेंट सतीश को दे दिया.’उन्होंने कहा, ‘न तो झंडे का अपमान किया गया है और न ही छात्रों को योग करने से रोका गया है.’ दामले ने कहा, ‘उन्होंने अपना इस्तीफा प्रॉक्टर ओपी सिंह को भेज दिया है.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि झंडा हटाए जाने से स्वयं सेवकों की भावनाएं आहत हुईं और दामले को या तो इसका कारण बताना चाहिए था और खुद को उसे हटाने से रोकना चाहिए था.इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्थानीय कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के कैंपसों में शाखाएं नहीं लगाई जानी चाहिए. सबसे बड़ी तो यह है कि विश्वविद्यालय के मामले में आरएसएस के लोग क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं.
देहात कोतवाली निरीक्षक अभय सिंह ने बताया कि पुलिस को दी गयी तहरीर के अनुसार, राजीव गांधी दक्षिण परिसर के मैदान में मंगलवार 12 नवंबर को आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य शाखा लगाकर योगाभ्यास कर रहे थे.उन्होंने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि इस बीच डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले वहां पहुंच गईं और आरएसएस का झंडा निकालकर उसे लेकर चली गईं. झंडा लगाने का विरोध करते हुए डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि ‘ध्वज नहीं लगेगा, आप योग कर सकते हैं.’संघ के सदस्यों ने झंडा उखाड़ने का विरोध किया और इसे झंडे का अपमान बताया तथा प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए. उनकी मांग थी कि डिप्टी चीफ प्रॉक्टर इस्तीफा दें और उन लोगों को अगले दिन से ध्वज लगाकर योगाभ्यास करने दिया जाए.छात्रों ने डिप्टी चीफ प्रॉक्टर पर झंडे का अपमान करने के साथ ही अपने साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया. घटना की जानकारी होने पर आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाह सोहन मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग करने लगे.थोड़ी देर में ही नगर विधायक रत्नाकर मिश्र भी मौके पर पहुंच गए और दोनों ने कार्रवाई की मांग की. मामला बढ़ते देख डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया और झंडा हटाने पर माफी मांगी.
इसके बाद संगठन के जिला कार्यवाहक चंद्रमोहन की तहरीर पर देहात कोतवाली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया.देहात कोतवाली निरीक्षक ने कहा कि धाराएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ी हैं. मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जांच की जा रही है.वहीं, दूसरी ओर डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले ने कहा, ‘उन्होंने वर्तमान माहौल को देखकर छात्रों से ध्वज हटाने को कहा था जिसे उन्होंने नहीं हटाया. इसलिए उन्हें ध्वज हटाना पड़ा. ध्वज निकालकर उन्होंने उसे अपने सहायक अटेंडेंट सतीश को दे दिया.’उन्होंने कहा, ‘न तो झंडे का अपमान किया गया है और न ही छात्रों को योग करने से रोका गया है.’ दामले ने कहा, ‘उन्होंने अपना इस्तीफा प्रॉक्टर ओपी सिंह को भेज दिया है.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि झंडा हटाए जाने से स्वयं सेवकों की भावनाएं आहत हुईं और दामले को या तो इसका कारण बताना चाहिए था और खुद को उसे हटाने से रोकना चाहिए था.इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्थानीय कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के कैंपसों में शाखाएं नहीं लगाई जानी चाहिए. सबसे बड़ी तो यह है कि विश्वविद्यालय के मामले में आरएसएस के लोग क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं.