केoसीo श्रीवास्तव-
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और भ्रष्टाचार की वजह से जनपद के सल्टौआ ब्लाक के अमरौली शुमाली में निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नही पूरा हो पाया है जिसका परिणाम है कि स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं को लेने के लिए 10 से 25 किलोमीटर दूर तक कि यात्रा करना पड़ रहा है।
2012-13 से निर्माणाधीन इस स्वास्थ्य केंद्र को 2017 में जनता के लिए हर हाल में खोलना था लेकिन कार्यों की गति धीमी होने की वजह से इसके निर्माण को पूरा करने और जनता के लिए खोलने का समय मार्च 2019 कर दिया गया लेकिन लगभग 7 वर्ष बीत जाने के बाद 5 करोड़ की लागत वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन अभी तक भी ओपीडी शुरू करने लायक तैयार नही हो पाया ।
ग्रामीण क्षेत्र के हर आबादी तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शासन द्वारा सल्टौआ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण को स्वीकृति 2012-13 में दी गई थी जिसके लिए विकास खण्ड के अमरौली शुमाली में जमीन की तलाश कर निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन एक लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक क्षेत्र के लोगों के लिए संचालित करने योग्य अस्पताल का निर्माण नही हो सका है।
ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद इन गांवों के लोगों को मिलेगा फायदा
अमरौली शुमाली में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के 65 पुरवे के अलावां भिरियाँ, तेलियाडीह, सेखुई, पिटाउट, बस्थनवा,चौकवां ,गोरखर, औड़जंगल ,समेत दर्जनों ग्राम पंचायत के 30 हजार से अधिक लोग अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ जाएंगे।
यह सेवाएं होंगी उपलब्ध
ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद इन गांवों के लोगों को मिलेगा फायदा
अमरौली शुमाली में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी और इलाज शुरू होने के बाद अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत के 65 पुरवे के अलावां भिरियाँ, तेलियाडीह, सेखुई, पिटाउट, बस्थनवा,चौकवां ,गोरखर, औड़जंगल ,समेत दर्जनों ग्राम पंचायत के 30 हजार से अधिक लोग अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ जाएंगे।
यह सेवाएं होंगी उपलब्ध
आंतरिक रोगियों के लिए ओपीडी सेवाएं,टेस्ट सुविधाएं,एक्स-रे सुविधाएं,ऑपरेशन सुविधाएं,एम्बुलेंस सुविधा (108,102) प्रसव सुविधा,नेत्र चिकित्सा ,कुष्ठ रोग इलाज,शिशुओं में टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, वॉपिंग कफ और खसरे के टीकाकरण
मृत्यु और जन्म का पंजीकरण, के अलावां मौसमी एवं संक्रमित बीमारियों का इलाज होगा।