उत्तर प्रदेश पुलिस ने गत 19 दिसंबर को लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
एस आर दारापुरी आईपीएस रहे हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस में महानिरीक्षक के पद से रिटायर हुए हैं. सामाजिक मामलों और आंदोलनों में उनकी अक्सर भागीदरी रही है
लखनऊ में ही रहने वाले मेग्सेसे पुरस्कार विजेता और सोशलिस्ट पार्टी के नेता संदीप पांडे बताते हैं कि पुलिस ने 19 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शनों से पहले कई बुद्धिजीवियों को नज़रबंद कर रखा था. ताकि ये लोग ना तो खुद प्रदर्शनों में पहुंच सकें और ना ही दूसरों से वहां पहुंचने की अपील कर सकें.
संदीप पांडे के मुताबिक, ''हम लोग विरोध प्रकट करने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों में ही विश्वास करते हैं और प्रदर्शनों में हुई हिंसा की निंदा करते हैं. ये हिंसा कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई जिन्हें रोकने में पुलिस नाकाम रही. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए वो बुद्धिजीवियों और शांतिप्रिय लोगों को प्रताड़ित कर रही है.''