विश्वपति वर्मा-
देश की सरकारों द्वारा जनहित से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित किया जाता है लेकिन बहुत कम ही जगहों पर उसकी योजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण रूप से हो पाता है ,उसी में से एक बस्ती जनपद मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय शिक्षा और स्वच्छता के मामले में अपनी ईमानदारी का मिशाल पेश कर रहा है।
सल्टौआ ब्लॉक के गौहनिया ग्राम पंचायत में स्थिति प्राथमिक विद्यालय में 140 बच्चे नामांकित हैं .स्कूल में वेद प्रकाश चौधरी प्रियंका वर्मा और सत्य प्रकाश अध्यापक हैं तो वंही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी बच्चों का देखभाल करती हैं।
स्कूल का सौंदर्य भी इस बात की तरफ आकर्षित करता है कि विद्यालय को सजाने और संवारने मे भी बेहतर प्रयास किया गया गया है। स्कूल के चारों तरफ बने बाउंड्रीवाल पर कराई गई वलपेंटिंग भी अपने आप मे आकर्षक है ।
फूलों की खुशबू और स्वच्छ वातावरण ने जंहा बच्चों को स्कूल में एक पढ़ने वाला माहौल दिया है वंही ड्रेस ,जूता ,टाई और आईकार्ड में बच्चे भी हौसले के साथ पढ़ाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं कक्षा 2 की छात्रा प्रतिज्ञा आंशिक और पायल की एक तस्वीर कैद है
तहकीकात समाचार टीम ने स्कूल के प्रधानाध्यापक वेद प्रकाश चौधरी से बात किया तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा स्कूल को सजाने और संवारने में जंहा बेहतरीन प्रयास किया गया है तो वंही अध्यापकों ने भी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए पठन -पाठन व्यवस्था को दुरुस्त किया है ।स्कूल में प्रियंका वर्मा सहायक अध्यापिका हैं तो सत्य प्रकाश शिक्षा मित्र के पद पर अध्यापन कार्य को पूरा कर रहे हैं।
हमारी टीम ने ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय से बात किया तो उन्होंने बताया कि हमारी प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाना है इसलिए हमने स्कूल पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि स्कूल के सुन्दरीकरण के साथ शौचालय बनवाने में भी विशेष ध्यान दिया गया है जंहा पानी की व्यवस्था और साफ- सफाई का प्रबंध हुआ है।
संसाधनों की जरूरत
ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षा और डिजिटल क्लास के साथ ,अंग्रेजी और हिंदी को सही तरीके से समझने के लिए साफ्टवेयर पर आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने की हमारी मंशा है लेकिन आर्थिक समस्या की वजह से इस कार्य को करने में समस्या उतपन्न हो रही है ।उन्होंने कहा कि यदि शासन-प्रशासन का सहयोग मिलता है तो आने वाले वर्षों में प्राथमिक विद्यालय जनपद ही नही प्रदेश के टॉप 10 विद्यालय के श्रेणी में गिना जाएगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्कूल को साफ सुथरा रखने में कोई कोर कसर नही छोड़ा गया है ,अगर अन्य प्रकार के शैक्षणिक मद ग्राम पंचायत को मिलते हैं तो उस योजना का क्रियान्वयन ईमानदारी से किया जाएगा।
देश की सरकारों द्वारा जनहित से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित किया जाता है लेकिन बहुत कम ही जगहों पर उसकी योजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण रूप से हो पाता है ,उसी में से एक बस्ती जनपद मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय शिक्षा और स्वच्छता के मामले में अपनी ईमानदारी का मिशाल पेश कर रहा है।
सल्टौआ ब्लॉक के गौहनिया ग्राम पंचायत में स्थिति प्राथमिक विद्यालय में 140 बच्चे नामांकित हैं .स्कूल में वेद प्रकाश चौधरी प्रियंका वर्मा और सत्य प्रकाश अध्यापक हैं तो वंही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी बच्चों का देखभाल करती हैं।
स्कूल का सौंदर्य भी इस बात की तरफ आकर्षित करता है कि विद्यालय को सजाने और संवारने मे भी बेहतर प्रयास किया गया गया है। स्कूल के चारों तरफ बने बाउंड्रीवाल पर कराई गई वलपेंटिंग भी अपने आप मे आकर्षक है ।
फूलों की खुशबू और स्वच्छ वातावरण ने जंहा बच्चों को स्कूल में एक पढ़ने वाला माहौल दिया है वंही ड्रेस ,जूता ,टाई और आईकार्ड में बच्चे भी हौसले के साथ पढ़ाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं कक्षा 2 की छात्रा प्रतिज्ञा आंशिक और पायल की एक तस्वीर कैद है
तहकीकात समाचार टीम ने स्कूल के प्रधानाध्यापक वेद प्रकाश चौधरी से बात किया तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा स्कूल को सजाने और संवारने में जंहा बेहतरीन प्रयास किया गया है तो वंही अध्यापकों ने भी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए पठन -पाठन व्यवस्था को दुरुस्त किया है ।स्कूल में प्रियंका वर्मा सहायक अध्यापिका हैं तो सत्य प्रकाश शिक्षा मित्र के पद पर अध्यापन कार्य को पूरा कर रहे हैं।
हमारी टीम ने ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय से बात किया तो उन्होंने बताया कि हमारी प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाना है इसलिए हमने स्कूल पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि स्कूल के सुन्दरीकरण के साथ शौचालय बनवाने में भी विशेष ध्यान दिया गया है जंहा पानी की व्यवस्था और साफ- सफाई का प्रबंध हुआ है।
संसाधनों की जरूरत
ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षा और डिजिटल क्लास के साथ ,अंग्रेजी और हिंदी को सही तरीके से समझने के लिए साफ्टवेयर पर आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने की हमारी मंशा है लेकिन आर्थिक समस्या की वजह से इस कार्य को करने में समस्या उतपन्न हो रही है ।उन्होंने कहा कि यदि शासन-प्रशासन का सहयोग मिलता है तो आने वाले वर्षों में प्राथमिक विद्यालय जनपद ही नही प्रदेश के टॉप 10 विद्यालय के श्रेणी में गिना जाएगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्कूल को साफ सुथरा रखने में कोई कोर कसर नही छोड़ा गया है ,अगर अन्य प्रकार के शैक्षणिक मद ग्राम पंचायत को मिलते हैं तो उस योजना का क्रियान्वयन ईमानदारी से किया जाएगा।