केoसीo श्रीवास्तव-
जिम्मेदारजनों की उदासीनता के चलते लगभग हर एक विभागों में योजनाओं की लेटलतीफा देखने को मिलता है लेकिन जब वर्षों बीत जाने के बाद भी किसी योजना को उसके लक्ष्य तक न पहुंचाया जाए तब सम्बन्धित जिम्मदारों को क्या कहा जाए?
यह तस्वीर लोकनिर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़क की है जो कि चक्कर चौराहे से लिंक होकर पचमोहनी तिराहे तक जाती है जिसे दोनों छोर के बीच आधी दूरी तक निर्माण करना है लेकिन लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क पर पक्की निर्माण का कार्य अभी तक नही किया गया।
ईंट से बने इस सड़क को पक्की सड़क में तब्दील करने के लिए पिछले वर्ष पत्थर और मिट्टी डाला गया लेकिन उसके बाद से इस सड़क को उसके उसी दशा में छोड़ दिया गया जिसका नतीजा है कि यात्रियों के आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
जिम्मेदारजनों की उदासीनता के चलते लगभग हर एक विभागों में योजनाओं की लेटलतीफा देखने को मिलता है लेकिन जब वर्षों बीत जाने के बाद भी किसी योजना को उसके लक्ष्य तक न पहुंचाया जाए तब सम्बन्धित जिम्मदारों को क्या कहा जाए?
यह तस्वीर लोकनिर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़क की है जो कि चक्कर चौराहे से लिंक होकर पचमोहनी तिराहे तक जाती है जिसे दोनों छोर के बीच आधी दूरी तक निर्माण करना है लेकिन लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क पर पक्की निर्माण का कार्य अभी तक नही किया गया।
ईंट से बने इस सड़क को पक्की सड़क में तब्दील करने के लिए पिछले वर्ष पत्थर और मिट्टी डाला गया लेकिन उसके बाद से इस सड़क को उसके उसी दशा में छोड़ दिया गया जिसका नतीजा है कि यात्रियों के आवागमन में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।