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बस्ती रेंज के आईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि दो आतंकियों के यूपी में प्रवेश करने की सूचना है. नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर समेत कुछ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
बस्ती. दक्षिण भारत से जुड़े दो आतंकी उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक ये भारत-नेपाल सीमा से सटे किसी जिले से नेपाल भाग सकते हैं. इनकी तलाश में पूरे गोरखपुर जोन में हाई अलर्ट जारी किया गया है. आखिरी बार दोनों को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में देखा गया था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े दक्षिण भारत में सक्रिय रहे ख्वाजा मोइनद्दीन को सितम्बर 2017 में एनआईए ने चेन्नई से पकड़ा था.
जांच में पता चला था कि सीरिया से लौटने के बाद वह दक्षिण भारत समेत देश के अन्य राज्यों में युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आईएस से जोड़ता था. वह पाक समर्थित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के भी संपर्क में है.
जानकारी के मुताबिक दक्षिण भारत में ही सक्रिय दूसरे आतंकी आतंकी अब्दुल समद को फरवरी 2018 में पकड़ा गया था. पुणे विस्फोट से जुड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य को समद ने हवाला के जरिए खाड़ी देश से मिले 3.50 लाख रुपए पहुंचाए थे. इसके अलावा उसका संबंध सिमी (SIMI) से भी था. वह आतंकियों को हथियार भी मुहैया कराता है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, दोनों आतंकी 16 दिसंबर तक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में देखे गए थे. पता चला है कि मौजूदा समय में दोनों यूपी में प्रवेश कर चुके हैं. इसके लिए गोरखपुर जोन के महराजगंज, कुशीनगर और सिद्धार्थनगर जिला सबसे मुफीद है. तीनों जिलों की सीमा नेपाल से जुड़ी हैं.
बस्ती रेंज के आईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि दोनों आतंकियों के यूपी में प्रवेश करने की सूचना है. नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर समेत कुछ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. दोनों के फोटो भी मिले हैं. उसे भी पुलिस को सौंपा गया है. स्थानीय खुफिया एजेंसियों को भी ख्वाजा मोइनद्दीन और अब्दुल समद के पीछे लगाया गया है.
बस्ती रेंज के आईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि दो आतंकियों के यूपी में प्रवेश करने की सूचना है. नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर समेत कुछ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
बस्ती. दक्षिण भारत से जुड़े दो आतंकी उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक ये भारत-नेपाल सीमा से सटे किसी जिले से नेपाल भाग सकते हैं. इनकी तलाश में पूरे गोरखपुर जोन में हाई अलर्ट जारी किया गया है. आखिरी बार दोनों को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में देखा गया था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े दक्षिण भारत में सक्रिय रहे ख्वाजा मोइनद्दीन को सितम्बर 2017 में एनआईए ने चेन्नई से पकड़ा था.
जांच में पता चला था कि सीरिया से लौटने के बाद वह दक्षिण भारत समेत देश के अन्य राज्यों में युवाओं का ब्रेनवाश कर उन्हें आईएस से जोड़ता था. वह पाक समर्थित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के भी संपर्क में है.
जानकारी के मुताबिक दक्षिण भारत में ही सक्रिय दूसरे आतंकी आतंकी अब्दुल समद को फरवरी 2018 में पकड़ा गया था. पुणे विस्फोट से जुड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य को समद ने हवाला के जरिए खाड़ी देश से मिले 3.50 लाख रुपए पहुंचाए थे. इसके अलावा उसका संबंध सिमी (SIMI) से भी था. वह आतंकियों को हथियार भी मुहैया कराता है.
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खुफिया सूत्रों के मुताबिक, दोनों आतंकी 16 दिसंबर तक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में देखे गए थे. पता चला है कि मौजूदा समय में दोनों यूपी में प्रवेश कर चुके हैं. इसके लिए गोरखपुर जोन के महराजगंज, कुशीनगर और सिद्धार्थनगर जिला सबसे मुफीद है. तीनों जिलों की सीमा नेपाल से जुड़ी हैं.
बस्ती रेंज के आईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि दोनों आतंकियों के यूपी में प्रवेश करने की सूचना है. नेपाल से सटे सिद्धार्थनगर समेत कुछ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. दोनों के फोटो भी मिले हैं. उसे भी पुलिस को सौंपा गया है. स्थानीय खुफिया एजेंसियों को भी ख्वाजा मोइनद्दीन और अब्दुल समद के पीछे लगाया गया है.