कोरोना वायरस का खौफ भारत में ही नहीं दुनियाभर के लोगों में है. दुनियाभर के देश जहां अपने लोगों का इलाज करवा रहे हैं, वहीं चीन पर आरोप लग रहा है कि वो कोरोना वायरस से मौत का सच छिपा रहा है. चीन का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से करीब 1000 लोगों की मौत हुई है, लेकिन चीन के ही एक अरबपति कारोबारी का दावा है कि ये आंकड़ा पचास हजार है. इस सच पर पर्दा डालने के लिए चीन चुपचाप कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को जला रहा है. लेकिन चीन की ये चोरी सैटेलाइट ने पकड़ ली है.
पूरी दुनिया चीन से आ रही तस्वीरों को देखकर सन्न है. चीन में जिस तरह लोगों को घरों से निकाला जा रहा है, जिस तरह चीन में लोगों के साथ जबरदस्ती हो रही है, उसने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या चीन दुनिया से कुछ छिपा रहा है. इस आशंका को ग्वो वेंगुवी नाम के चीन के अरबपति व्यापारी बढ़ा दिया है.
चीन का दावा है कि कोरोना वायरस से उसके यहां अबतक 1116 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 हजार लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में हैं. लेकिन चीन के ही अरबपति का दावा है कि चीन जितने लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में दिखा रहा है उससे भी ज्यादा मरीजों के शवों को वो जला चुका है. चीन अबतक 50 हजार शवों को जला चुका है. वुहान में मुर्दाघरों की संख्या 49 है जो 24 घंटे काम करते हैं. वो हर रोज 1200 शवों को जलाते हैं और पिछले 17 दिनों से वो लगातार काम कर रहे हैं और इतना सब कुछ बस वुहान में हो रहा है. अब राजधानी में भी यही हो रहा है.
चीन के अरबपति कारोबारी का कहना है कि चीन के वुहान में ही रोज 1200 शव जलाए जा रहे हैं, ऐसा पिछले 17 दिनों से हो रहा है. इस तरह अकेले वुहान में ही 20400 शवों को चीन जला चुका है. अगर इसमें पूरे चीन को शामिल कर लें तो ये आंकड़ा 50 हजार पहुंच जाता है.
ग्वो वेंगुवी ने कहा, ''चीन में अलग रखे हुए लोगों की संख्या 25 करोड़ हो गई है. अब तक कितने मामलों की पुष्टि की गई है? आप जानते हैं कि इसका प्रकोप आधे चीन में करीब 20 करोड़ लोगों तक फैल चुका है. तो मुझे अंदर से जानकारी मिली है कि ये सच है कि 15 लाख लोगों की पुष्टि हो गई है और मरने वाले जिन्हें जलाया गया है उनकी संख्या करीब 50 हजार है ना की 30 हजार.''
इसलिए सवाल है कि क्या चीन में कोरोना वायरस के शिकार लोगों की संख्या को छिपाने के लिए उन्हें चुपचाप जलाया जा रहा है. इस सवाल पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रिकॉर्ड टाइम में अस्पताल की सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया को दिखाने वाली चीन की सरकार खामोश है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों ने ही उसकी पोल खोल दी है. इन तस्वीरों के जरिए चीन को लेकर बहुत बड़ा दावा किया गया है. जो चीन में 50 हजार मरीजों के शवों को जलाने के दावे को पुख्ता करती है.
विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना वायरस के एपीसेंटर वुहान के आसमान में SO2 यानी सल्फर डाइ ऑक्साइड की मात्रा सामान्य से काफी ज़्यादा है. ब्रिटेन की वेबसाइट डेली मेल के अनुसार सेटेलाइट तस्वीर में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा 1350 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. ब्रिटेन में 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर को बेहद खतरनाक माना जाता है.
जानकार मानते हैं कि इतनी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) की दो वजह हो सकती है. पहली वजह भारी मात्रा में मेडिकल वेस्ट को जलाया जाना हो सकता है या फिर हजारों मानव शवों को जलाये जाने से ऐसा होता है. वुहान ही नहीं चोंगचिन में भी वुहान की तरह सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा है. जिसके पीछे शवों को जलाना माना जा रहा है.
चीन के जो इलाके कोरोना वायरस से प्रभावित हैं वहां पर सरकार ने फैक्ट्रियों और कोयले से बिजली बनाने वाले प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर इन इलाकों में ऐसा क्या हो रहा है जिससे सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी से बढ़ रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि एक मानव शव जलाने से 113 ग्राम सल्फर डाइ ऑक्साइड पैदा होती है. इस तरह वुहान में जितनी SO2 पैदा हुआ है वो 13968 शवों को जलाने का नतीजा हो सकती है. ये आंकड़ा चीन के कारोबारी के दावों के आसपास है.
कोरोना वायरस से जूझ रहे चीन में एंबुलेंस से ज्यादा बॉडी कलेक्शन वैन घूमती दिखाई दे रही है. जिनका काम घर घर जाकर कोरोना वायरस से मरने वाले शवों को इकट्ठा करना है. लेकिन चीन से समय समय पर झकझोर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं. जिसमें इस नौजवान जोड़े का वीडियो भी शामिल है.
चीन में जो भी सरकार के आदेश की अनदेखी कर रहा है ससे कड़ाई से निपटा जा रहा है. मास्क न पहनने पर पुलिस वाले हाथों में बंदूक लेकर शख्स के पीछे दौड़ पड़ते हैं. ऐसे ही तस्वीरों से सवाल उठता है कि क्या चीन ये सब कोरोना वायरस के सच को छिपाने के लिए कर रहा है.
पिछले दिनों चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टेनसेंट का एक डाटा लीक हुआ, जिसमें कोरोना वायरस से मौत के जो आंकड़े दिए गए थे वो काफी चौंकाने वाले थे. टेनसेंट के मुताबिक कोरोना वायरस से अब तक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि चीन ये आंकड़ा सिर्फ एक हजार बता रहा है.
पूरी दुनिया चीन से आ रही तस्वीरों को देखकर सन्न है. चीन में जिस तरह लोगों को घरों से निकाला जा रहा है, जिस तरह चीन में लोगों के साथ जबरदस्ती हो रही है, उसने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या चीन दुनिया से कुछ छिपा रहा है. इस आशंका को ग्वो वेंगुवी नाम के चीन के अरबपति व्यापारी बढ़ा दिया है.
चीन का दावा है कि कोरोना वायरस से उसके यहां अबतक 1116 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 हजार लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में हैं. लेकिन चीन के ही अरबपति का दावा है कि चीन जितने लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में दिखा रहा है उससे भी ज्यादा मरीजों के शवों को वो जला चुका है. चीन अबतक 50 हजार शवों को जला चुका है. वुहान में मुर्दाघरों की संख्या 49 है जो 24 घंटे काम करते हैं. वो हर रोज 1200 शवों को जलाते हैं और पिछले 17 दिनों से वो लगातार काम कर रहे हैं और इतना सब कुछ बस वुहान में हो रहा है. अब राजधानी में भी यही हो रहा है.
चीन के अरबपति कारोबारी का कहना है कि चीन के वुहान में ही रोज 1200 शव जलाए जा रहे हैं, ऐसा पिछले 17 दिनों से हो रहा है. इस तरह अकेले वुहान में ही 20400 शवों को चीन जला चुका है. अगर इसमें पूरे चीन को शामिल कर लें तो ये आंकड़ा 50 हजार पहुंच जाता है.
ग्वो वेंगुवी ने कहा, ''चीन में अलग रखे हुए लोगों की संख्या 25 करोड़ हो गई है. अब तक कितने मामलों की पुष्टि की गई है? आप जानते हैं कि इसका प्रकोप आधे चीन में करीब 20 करोड़ लोगों तक फैल चुका है. तो मुझे अंदर से जानकारी मिली है कि ये सच है कि 15 लाख लोगों की पुष्टि हो गई है और मरने वाले जिन्हें जलाया गया है उनकी संख्या करीब 50 हजार है ना की 30 हजार.''
इसलिए सवाल है कि क्या चीन में कोरोना वायरस के शिकार लोगों की संख्या को छिपाने के लिए उन्हें चुपचाप जलाया जा रहा है. इस सवाल पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रिकॉर्ड टाइम में अस्पताल की सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया को दिखाने वाली चीन की सरकार खामोश है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों ने ही उसकी पोल खोल दी है. इन तस्वीरों के जरिए चीन को लेकर बहुत बड़ा दावा किया गया है. जो चीन में 50 हजार मरीजों के शवों को जलाने के दावे को पुख्ता करती है.
विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना वायरस के एपीसेंटर वुहान के आसमान में SO2 यानी सल्फर डाइ ऑक्साइड की मात्रा सामान्य से काफी ज़्यादा है. ब्रिटेन की वेबसाइट डेली मेल के अनुसार सेटेलाइट तस्वीर में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा 1350 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. ब्रिटेन में 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर को बेहद खतरनाक माना जाता है.
जानकार मानते हैं कि इतनी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) की दो वजह हो सकती है. पहली वजह भारी मात्रा में मेडिकल वेस्ट को जलाया जाना हो सकता है या फिर हजारों मानव शवों को जलाये जाने से ऐसा होता है. वुहान ही नहीं चोंगचिन में भी वुहान की तरह सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा है. जिसके पीछे शवों को जलाना माना जा रहा है.
चीन के जो इलाके कोरोना वायरस से प्रभावित हैं वहां पर सरकार ने फैक्ट्रियों और कोयले से बिजली बनाने वाले प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर इन इलाकों में ऐसा क्या हो रहा है जिससे सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी से बढ़ रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि एक मानव शव जलाने से 113 ग्राम सल्फर डाइ ऑक्साइड पैदा होती है. इस तरह वुहान में जितनी SO2 पैदा हुआ है वो 13968 शवों को जलाने का नतीजा हो सकती है. ये आंकड़ा चीन के कारोबारी के दावों के आसपास है.
कोरोना वायरस से जूझ रहे चीन में एंबुलेंस से ज्यादा बॉडी कलेक्शन वैन घूमती दिखाई दे रही है. जिनका काम घर घर जाकर कोरोना वायरस से मरने वाले शवों को इकट्ठा करना है. लेकिन चीन से समय समय पर झकझोर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं. जिसमें इस नौजवान जोड़े का वीडियो भी शामिल है.
चीन में जो भी सरकार के आदेश की अनदेखी कर रहा है ससे कड़ाई से निपटा जा रहा है. मास्क न पहनने पर पुलिस वाले हाथों में बंदूक लेकर शख्स के पीछे दौड़ पड़ते हैं. ऐसे ही तस्वीरों से सवाल उठता है कि क्या चीन ये सब कोरोना वायरस के सच को छिपाने के लिए कर रहा है.
पिछले दिनों चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टेनसेंट का एक डाटा लीक हुआ, जिसमें कोरोना वायरस से मौत के जो आंकड़े दिए गए थे वो काफी चौंकाने वाले थे. टेनसेंट के मुताबिक कोरोना वायरस से अब तक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि चीन ये आंकड़ा सिर्फ एक हजार बता रहा है.