बस्ती. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प स परिवार आज यानी सोमवार से भारत दौरे पर हैं। उनके साथ भारतीय मूल की रीता बरनवाल भी भारत पहुंची हैं।रीता,अमेरिका में परमाणु उर्जा विभाग की प्रमुख हैं। उनका जन्म बस्ती जिले के बहादुरपुर गांव में हुआ था। गांव में रह रहे परिजन रीता से मिलना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से संभव नहीं हो पा रहा है।
भतीजे गौरव ने बताया कि बुआ रीता का जन्म यहीं बहादुरपुर में ही हुआ था। बड़े बाबा कृष्ण चन्द्र बरनवाल और दादी आरती जन्म के कुछ महीने बाद ही रीता बुआ को लेकर अमेरिका चले गए थे। बाद में बड़े बाबा को वहां की नागरिकता मिल गई और सभी लोग वहीं रहने लगे।बुआ जब परमाणु उर्जा प्रमुख नियुक्त हुई थीं, तब बात हुई थी। बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व बुआ गांव आयी थीं। बुआ की शादी अमेरिकन नागरिक से हुई है। उनके दो बच्चे हैं।
जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं रीता
रीता जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता कृष्णचंद्र बरनवाल 1962 में खड़गपुर आइआइटी से रबर टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका नौकरी करने चले गए। पांच भाइयों में पिता कृष्णचंद तीसरे नंबर पर थे। मां आरती बरनवाल शिकोहाबाद की हैं। माता-पिता अब दुनिया में नहीं हैं। बहनें रीता और सीमा का जन्म, पढ़ाई और शादी अमेरिका में ही हुई। रीता एमआईटी से मेटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीए और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से पीएचडी की। वे एमआईटी के मटैरियल्स रिचर्स लेबोरेट्री और यूएस बर्केल न्यूक्लियर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सलाहकार बोर्ड में भी हैं।
पिछले साल जुलाई में बनीं परमाणु उर्जा विभाग की प्रमुख
रीता को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव पर जून 2019 को परमाणु उर्जा विभाग के प्रमुख पद पर सीनेट ने मुहर लगाई, जिसके बाद उन्हें जुलाई में नियुक्त कर दिया गया। नियुक्ति की सूचना जब उनके पैतृक गांव में पहुंची थी तो लोग खुशी से झूम उठे थे,अब जब राष्ट्रपति ट्रम्प के डेलिगेशन में शामिल होकर रीता के भारत आने के सूचना उनके परिवार के लोगों को मिली तो उन्होंने अमेरिकी एम्बेसी से मिलने की अनुमति मांगी है।
भतीजे गौरव ने बताया कि बुआ रीता का जन्म यहीं बहादुरपुर में ही हुआ था। बड़े बाबा कृष्ण चन्द्र बरनवाल और दादी आरती जन्म के कुछ महीने बाद ही रीता बुआ को लेकर अमेरिका चले गए थे। बाद में बड़े बाबा को वहां की नागरिकता मिल गई और सभी लोग वहीं रहने लगे।बुआ जब परमाणु उर्जा प्रमुख नियुक्त हुई थीं, तब बात हुई थी। बताया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व बुआ गांव आयी थीं। बुआ की शादी अमेरिकन नागरिक से हुई है। उनके दो बच्चे हैं।
जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं रीता
रीता जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता कृष्णचंद्र बरनवाल 1962 में खड़गपुर आइआइटी से रबर टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका नौकरी करने चले गए। पांच भाइयों में पिता कृष्णचंद तीसरे नंबर पर थे। मां आरती बरनवाल शिकोहाबाद की हैं। माता-पिता अब दुनिया में नहीं हैं। बहनें रीता और सीमा का जन्म, पढ़ाई और शादी अमेरिका में ही हुई। रीता एमआईटी से मेटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीए और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से पीएचडी की। वे एमआईटी के मटैरियल्स रिचर्स लेबोरेट्री और यूएस बर्केल न्यूक्लियर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सलाहकार बोर्ड में भी हैं।
पिछले साल जुलाई में बनीं परमाणु उर्जा विभाग की प्रमुख
रीता को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव पर जून 2019 को परमाणु उर्जा विभाग के प्रमुख पद पर सीनेट ने मुहर लगाई, जिसके बाद उन्हें जुलाई में नियुक्त कर दिया गया। नियुक्ति की सूचना जब उनके पैतृक गांव में पहुंची थी तो लोग खुशी से झूम उठे थे,अब जब राष्ट्रपति ट्रम्प के डेलिगेशन में शामिल होकर रीता के भारत आने के सूचना उनके परिवार के लोगों को मिली तो उन्होंने अमेरिकी एम्बेसी से मिलने की अनुमति मांगी है।