चीन के बुहान शहर से उपजा कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया के लिये खतरा बन चुका है ,इस भयंकर वायरस के चपेट में जहां दुनिया भर के सैकड़ो देश आ चुके हैं वहीं अब भारत जैसे देशों में मेडिकल टेस्ट में प्रयोग आने वाली कई प्रकार के किट उपलब्ध न होने का संकट गहरा सकता है क्योंकि भारत 80% मेडिकल उपकरण चीन से आयात करता है।
भारत बल्क ड्रग और उनके इंग्रीडिएंट्स का 70% चीन से आयात करता है। दवाओं का बनाने के लिए एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स) और कुछ जरूरी दवाओं के लिए भारत, चीनी बाजार पर काफी हद तक निर्भर है। कोरोनावायरस का संकट अगर और बढ़ा तो हेल्थकेयर सेक्टर भी प्रभावित हो सकता है। वायरस की वजह से पिछले कुछ समय से चीन की ज्यादातर कंपनियों में काम रोक दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत पेनसिलीन-जी जैसी कई दवाओं के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। भारत मेडिकल उपकरणों का 80% आयात करता है और इस आयात में चीन की अहम हिस्सेदारी है। अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो मेडिकल जांच के लिए पैथोलॉजी पर टेस्ट के दाम में वृद्धि होने की पूरी संभावना है।
भारत बल्क ड्रग और उनके इंग्रीडिएंट्स का 70% चीन से आयात करता है। दवाओं का बनाने के लिए एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स) और कुछ जरूरी दवाओं के लिए भारत, चीनी बाजार पर काफी हद तक निर्भर है। कोरोनावायरस का संकट अगर और बढ़ा तो हेल्थकेयर सेक्टर भी प्रभावित हो सकता है। वायरस की वजह से पिछले कुछ समय से चीन की ज्यादातर कंपनियों में काम रोक दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत पेनसिलीन-जी जैसी कई दवाओं के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। भारत मेडिकल उपकरणों का 80% आयात करता है और इस आयात में चीन की अहम हिस्सेदारी है। अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो मेडिकल जांच के लिए पैथोलॉजी पर टेस्ट के दाम में वृद्धि होने की पूरी संभावना है।