विश्वपति वर्मा-
सरकार के दावे सबका साथ सबका विकास और अच्छे दिन की है, किसानों की आय दोगुना करने की बात मंच और मीडिया के जरिये जोर शोर से किया जा रहा है लेकिन धरातल पर उतर कर देखने के बाद यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण इलाके में न सिर्फ खेती से आय घटी है बल्कि खेती से जुड़े काम करने वालों की संख्या भी कम हुई है ।
बेरोजगारी चरम सीमा पर है ,भुखमरी की चपेट में देश की 22 करोड़ से अधिक आबादी है ,भ्रष्टाचार पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नही है ,शिक्षा और चिकित्सा की जरूरत ने गरीब ही नही मध्यम वर्गीय परिवार को तोड़ कर रख दिया है ,गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नही मिल पा रहा है ,महिलाओं में खून की कमी घटने की बजाय उनकी संख्या बढ़ी है ,बच्चे कुपोषण के शिकार हैं ,मजदूर तबका वहीं का वहीं है ,ग्राम पंचायतों की स्थिति में कोई बदलाव नही ,आदर्श ग्राम पंचायत भी धोखा है ,देश का कोई भी शहर किसी भी पैमाने पर स्वस्थ नही है , स्मार्ट सिटी केवल कागजों में आदर्श बन रहा है ,इधर योगी सरकार में गड्ढा मुक्ति के नाम पर हवा में सड़कें बनाकर अरबो रुपये का घोटाला कर लिया गया, गौशाला के नाम पर कर दाताओं के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है ,स्कूलों में ड्रेस और स्वेटर वितरण के नाम पर शासन द्वारा कमीशन लिया गया ,वृक्षारोपण के नाम पर हजारों करोड़ रुपया डकार लिया गया और ऐसे ही न जाने कितनी योजनाओं और कार्यों के नाम पर देश के साधन, संसधान और पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है ।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अपनी इस असफलता को जाति-धर्म ,आतंकवाद और राष्ट्रवाद के जोशीले नारों से ढक कर सबका साथ सबका विकास की बात जादूई तरीके से कर रहे हैं , इसके बाद भी अगर आम आदमी को अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं तो वाकई में लोग अपनी आमदनी गंवा कर इस सरकार से बेहद ख़ुश हैं. यह एक नया राजनीतिक बदलाव है ।
सरकार के दावे सबका साथ सबका विकास और अच्छे दिन की है, किसानों की आय दोगुना करने की बात मंच और मीडिया के जरिये जोर शोर से किया जा रहा है लेकिन धरातल पर उतर कर देखने के बाद यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण इलाके में न सिर्फ खेती से आय घटी है बल्कि खेती से जुड़े काम करने वालों की संख्या भी कम हुई है ।
बेरोजगारी चरम सीमा पर है ,भुखमरी की चपेट में देश की 22 करोड़ से अधिक आबादी है ,भ्रष्टाचार पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नही है ,शिक्षा और चिकित्सा की जरूरत ने गरीब ही नही मध्यम वर्गीय परिवार को तोड़ कर रख दिया है ,गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नही मिल पा रहा है ,महिलाओं में खून की कमी घटने की बजाय उनकी संख्या बढ़ी है ,बच्चे कुपोषण के शिकार हैं ,मजदूर तबका वहीं का वहीं है ,ग्राम पंचायतों की स्थिति में कोई बदलाव नही ,आदर्श ग्राम पंचायत भी धोखा है ,देश का कोई भी शहर किसी भी पैमाने पर स्वस्थ नही है , स्मार्ट सिटी केवल कागजों में आदर्श बन रहा है ,इधर योगी सरकार में गड्ढा मुक्ति के नाम पर हवा में सड़कें बनाकर अरबो रुपये का घोटाला कर लिया गया, गौशाला के नाम पर कर दाताओं के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है ,स्कूलों में ड्रेस और स्वेटर वितरण के नाम पर शासन द्वारा कमीशन लिया गया ,वृक्षारोपण के नाम पर हजारों करोड़ रुपया डकार लिया गया और ऐसे ही न जाने कितनी योजनाओं और कार्यों के नाम पर देश के साधन, संसधान और पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है ।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अपनी इस असफलता को जाति-धर्म ,आतंकवाद और राष्ट्रवाद के जोशीले नारों से ढक कर सबका साथ सबका विकास की बात जादूई तरीके से कर रहे हैं , इसके बाद भी अगर आम आदमी को अच्छे दिन दिखाई दे रहे हैं तो वाकई में लोग अपनी आमदनी गंवा कर इस सरकार से बेहद ख़ुश हैं. यह एक नया राजनीतिक बदलाव है ।