केoसीo श्रीवास्तव
भानपुर तहसील क्षेत्र के सैकड़ो आंगनबाड़ी केंद्र केवल कागजों में चल रहे हैं और उसमें बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को मिलने वाला पुष्टाहा जानवरों का आहार बन चुका है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कागज में बच्चों का पंजीयन भी हुआ है, जिनके लिए विभाग से हर माह पुष्टाहार की खेप आती है और वितरण भी हर माह कर दिया जाता है। केंद्र पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार कब और कितना मिलता है यह बहुत कम लोग ही जानते हैं लेकिन यह जानने वाले लोग ज्यादा मिल जाते हैं कि पूरा बोरा ही पशुपालकों के हाथों औने पौने दामों में बेंच दिया जाता है।
जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के इस खेल में विभागीय अधिकारियों का मिलीभगत रहता है। लेकिन काली कमाई के फलते फूलते इस धंधे से मिलने वाले रकम के चलते जिम्मेदार कोई कार्यवाई नही करते।
भानपुर तहसील क्षेत्र के सैकड़ो आंगनबाड़ी केंद्र केवल कागजों में चल रहे हैं और उसमें बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को मिलने वाला पुष्टाहा जानवरों का आहार बन चुका है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कागज में बच्चों का पंजीयन भी हुआ है, जिनके लिए विभाग से हर माह पुष्टाहार की खेप आती है और वितरण भी हर माह कर दिया जाता है। केंद्र पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार कब और कितना मिलता है यह बहुत कम लोग ही जानते हैं लेकिन यह जानने वाले लोग ज्यादा मिल जाते हैं कि पूरा बोरा ही पशुपालकों के हाथों औने पौने दामों में बेंच दिया जाता है।
जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के इस खेल में विभागीय अधिकारियों का मिलीभगत रहता है। लेकिन काली कमाई के फलते फूलते इस धंधे से मिलने वाले रकम के चलते जिम्मेदार कोई कार्यवाई नही करते।
बता दें कि आंगनवाडी भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वााली माँ और बच्चों के देखभाल का केंद्र है। बच्चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के रूप में 1975 में शुरू किया गया था।
इस प्रकार का आंगनवाड़ी केंद्र भारतीय गांवों में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है। यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है।