केसी श्रीवास्तव-
मार्च-अप्रैल महीने का भीषण धूप रहा हो या दिसंबर -जनवरी महीने का कड़ाके की ठंड या फिर झमाझम बारिश हो रहा हो लेकिन सोमवार और बृहस्पतिवार को हमने भिरियां बाजार को लगते हुए देखा है।
मार्च-अप्रैल महीने का भीषण धूप रहा हो या दिसंबर -जनवरी महीने का कड़ाके की ठंड या फिर झमाझम बारिश हो रहा हो लेकिन सोमवार और बृहस्पतिवार को हमने भिरियां बाजार को लगते हुए देखा है।
बस्ती जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर सल्टौआ ब्लॉक के भिरियाँ न्यायपंचायत के भिरियाँ पड़ाव से सटे हुए बाग में कई दशक से बाजार लगता है जहां पर लगभग 2 से 3 हजार की संख्या में क्रेता और बिक्रेता का आगमन और प्रस्थान बाजार में होता है ।
लेकिन कोरोना वायरस के मध्यनजर चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन में आज यहां एक भी दुकान दिखाई नही दिया।जो जीवन काल खण्डों में पहली बार देखने को मिला है
फिलहाल सब्जी विक्रेताओं और जरूरतमंद को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाजार से हटकर सड़क के किनारे लगभग 10 दुकानों को लगाने के लिए अनुमति दिया हुआ है।