विश्वपति वर्मा-
जब आप वोट देते हैं तब हर बार आप यही सोचते हैं कि अबकी बार सब कुछ ठीक हो जाएगा । अब हमारे अच्छे ।दिन अवश्य आएंगे । हम सब सुखी और सम्पन्न होंगे । बच्चों को अच्छी शिक्षा , युवाओं को अच्छा रोगजार किसानों को कर्ज से मुक्ति , मजदूरों को खुशहाली , आयकर से मुक्ति और महिलाओं को समान अधिकार की गारंटी मिल जाएगी ।
हर बार यही आशा रहती है न कि अब की बार अन्याय, अनाचार , अत्याचार , व्यभिचार , भ्रष्टाचार , कालाधान , कालाबाजारी , जमाखोरी , करचोरी , कर्जबाजारी , भुखमरी , भिखारी , गरीबी , कुपोषण , प्रदूषण , चोरी , डकैती फिरौती , अपहरण, शोषण ,भक्षण , आतंक एवं मंहगाई का भूत भाग जाएगा और हम चैन की नींद सोयेंगे लेकिन आपकी व्यवस्था में कोई बदलाव नही आ रहा है ?आप जैसे थे वैसे हैं और वैसे ही रहेंगे क्योंकि आपकी व्यवस्था बदलने के के नाम पर आपकी वकालत करने वाले लोग अपनी व्यवस्था बदलने में लगे हैं. कोरोना वायरस के बीच हुए लॉकडाउन के दौरान हम देख रहे हैं ।