जैसा कि आपको मालूम है कोरोना वायरस के प्रकोप को पूरी दुनिया झेल रही है. ऐसे में कोरोना महामारी के संकट के बीच लोगों के मन में बार-बार ये सवाल आ रहा हैं कि क्या इस उल्का पिंड से धरती को कोई नुकसान होगा. हालांकि, वैज्ञानिकों ने उम्मीद जतायी है कि यह धरती से टकरायेगा नहीं. अत: लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
इस उल्कापिंड का नाम 1998 OR2 है. बताया जा रहा है कि बुधवार को यह घरती के बेहद करीब से गुजरेगा. ऐसे में वैज्ञानिकों को सिर्फ एक ही डर सता रहा है कि अगर यह उल्कापिंड अपना थोड़ा-सा भी स्थान परिवर्तन करता है, तो पृथ्वी पर बड़ा संकट आ सकता है. ऐसे में भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक इस उल्कापिंड की दिशा पर गहरी नजर बनाए हुए हैं.वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उल्कापिंड की गति 19000 किलोमीटर प्रति घंटा है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ स्टडीज की मानें तो अनुसार, आज ही यानि 29 अप्रैल को सुबह 5:56 बजे उल्कापिंड के पृथ्वी के पास से होकर गुजरने वाला था. वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह साइज में इतना बड़ा है कि पृथ्वी को आसानी से तबाह कर सकता है. इस उल्कापिंड का नाम 1998 OR2 है. वैज्ञानिकों को डर बस इस बात का सता रहा है कि इसके राह में हल्का सा भी परिवर्तन आया तो इसका प्रभाव पूरे विश्व को भुगतना पड़ सकता है. जिसके कारण भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं।
आपको बता दें कि हर सौ साल में उल्कापिंड के धरती से टकराने की 50 हजार संभावनाएं होती हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार उल्कापिंड जैसे ही पृथ्वी के पास आता है तो जल जाता है. आज तक के इतिहास में बहुत कम मामला ऐसा है जब इतना बड़ा उल्कापिंड धरती से टकराया हो. धरती पर ये उल्कापिंड कई छोटे-छोटे टुकड़े में गिरते है. जिनसे किसी प्रकार का कोई नुकसान आज तक नहीं हुआ है. जैसा कि ज्ञात हो इसके बारे में वैज्ञानिकों ने करीब एक महीने पहले ही बताया था कि यह पृथ्वी के बेहद करीब से होकर गुजरेगा.