बस्तीः गौशालाओं का सच लिखने से नाराज मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अश्वनी कुमार तिवारी द्वारा पत्रकार हेमन्त पाण्डेय और धर्मेन्द्र पाण्डेय पर मुकदमा दर्ज कराने को लेकर पत्रकारों में आक्रोश है। वेब मीडिया एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विश्वपति वर्मा (सौरभ) ने अधिकारी के कृत्य की घोर निंदा करते हुये कहा है कि खबर से अधिकारी का तिलमिलाना उसके भ्रष्टाचार में डूबे होने का स्वतः प्रमाण है। जनपद में पशु आश्रय स्थलों की हालत बद से बदतर है।
मुकदमा दर्ज करवाकर सच पर परदा नही डाला जा सकता। उन्होने यह भी कहा जनपद में सच लिखने वाले और कुछ पत्रकार हैं उनके खिलाफ भी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी कर लें। ऐसे मामलों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। विश्वपति ने कहा एसोसिएशन के संयोजक अशोक श्रीवास्तव से वार्ता के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी। संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने कहा सच को दबाने का कुचक्र रचने वाले अधिकारियों का बेनकाब होना जरूरी है। पत्रकारों ने गौशालाओं की सही तस्वीर दिखाकर कोई गलती नही की है। अधिकारी का यह कृत्य बेहद निंदनीय है। उन्होने यह भी कहा लॉकडाउन पीरियड में किसी पत्रकार साथी को उद्वेलित होने की जरूरत नही है।
पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे और अधिकारी की तानाशाही का जवाब हम खबरों से देंगे। यदि सच लिखने का नतीजा मुकदमा है तो और भी कई मुकदमे दर्ज कराने होंगे। एसोसिएशन के मण्डल अध्यक्ष महेन्द्र तिवारी, संदीप गोयल, राजेश पाण्डे, राकेश तिवारी, दिनेश पाण्डेय, दिलीप श्रीवास्तव, बीपी लहरी, सरवर अली, मुन्ना लाल जायसवाल, अनिल कुमार श्रीवास्तव, कपीश मिश्रा, केसी श्रीवास्तव ,सुशील कुमार, दिलीप कुमार पाण्डेय, राज आर्या, कुलदीप चौधरी, बीडी पाण्डेय, राज कुमार पाण्डेय, राजन चौधरी, देवेन्द्र पाण्डेय, संजय राय, पंकज सोनी सहित तमाम पत्रकारों ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के इस कृत्य को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताते हुये निर्णायक संघर्ष छेड़ने की बात कही है।