विश्वपति वर्मा.
आज सुबह से देश के अलग अलग हिस्सों से 17 फोन कॉल आये ,कॉल करने वाले अधिकतर लोग दूसरे प्रदेशों और अन्य शहरों में कमाने गए हुए थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से जहां तहां लोग फंस गए ,कोई व्यवस्था नही ,कोई रियायत नही न ही इन लोगों के लिए कोई सुबिधा है ।
कामकाजी लोग अपने घर पहुंचना चाहते हैं लेकिन न तो सरकार के पास उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था है और न ही नियति. महाराष्ट्र ,दिल्ली और यूपी के गाजियाबाद ,मेरठ ,नोयडा,लखनऊ और कौशाम्बी से लोगों ने फोन किया उत्तर प्रदेश सरकार में हो रहे बर्बरता को लोगों ने बताया ,1000 से अधिक लोगों को एक मैरिज हाल में ठूंस कर भर दिया गया, सैकड़ो लोगों को मॉल में भर दिया गया न वहां भोजन की व्यवस्था है न पानी की व्यवस्था है न जांच हो रही है और न ही इन्हें इनके घर भेजने की कोई योजना है ,बस निरंकुश राजा ने आदेश क्या दिया कि प्रवासी लोगों को राजधानी लखनऊ और प्रदेश की सीमाओं पर जहां तहां रोक दिया गया आखिर यह कैसा न्याय हो रहा है।
यह तस्वीर यूपी के गाजियाबाद से सुरेंद्र कुमार ने भेजी है हजारों की संख्या में ये लोग उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों और अन्य प्रदेश में जा रहे थे लेकिन योगी आदित्यनाथ के एक आदेश के बाद इन्हें कैद कर लिया गया आखिर सरकार क्या चाहती है? क्या इस बीमारी जड़ ये बेचारे गरीब मजबूर हैं? शायद सरकार अपनी नाकामियों को छुपा कर इन बेचारे मजदूरों के ऊपर कहर बरपा रही है लोग घर जाना चाहते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।